Bihar Voter List 2025 Controversy: चुनाव आयोग ने हाल ही में बिहार की अंतिम मतदाता सूची 2025 जारी की है, जिसमें कुल 7 करोड़ 41 लाख 92 हजार 357 मतदाताओं के नाम दर्ज हैं। लेकिन इस सूची को लेकर सबसे बड़ा सवाल यह है कि इसमें लगभग 69 लाख से अधिक नाम हटा दिए गए हैं, जो विपक्ष के निशाने पर आ गया है।
बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम ने चुनाव आयोग की इस नई सूची पर नाराजगी जताते हुए सीधे तौर पर राजनीतिक भेदभाव का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि यह सिर्फ एक आंकड़ा नहीं, बल्कि लोकतंत्र के अधिकार को कमजोर करने की कोशिश है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि हटाए गए नामों की संख्या, जोड़े गए नामों से कहीं ज्यादा है, जो दर्शाता है कि चुनाव आयोग की प्रक्रिया निष्पक्ष नहीं रही।
कांग्रेस अध्यक्ष ने यह भी दावा किया कि “इरादतन उन मतदाताओं के नाम काटे गए हैं, जो कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के समर्थक रहे हैं।” उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं के नाम बड़ी संख्या में सूची से हटाए गए हैं और यह कोई संयोग नहीं बल्कि सुनियोजित राजनीतिक हस्तक्षेप का नतीजा है।
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कांग्रेस के मुताबिक, SIR की प्रक्रिया को “छलावा” बताया गया है, जिसमें पारदर्शिता की कमी और लापरवाही इतनी थी कि न्यायालय को भी कई बार इसमें हस्तक्षेप करना पड़ा। वहीं आयोग की ओर से दावा किया गया है कि सूची को सत्यापन के बाद तैयार किया गया है और इसमें निष्पक्षता बरती गई है।
आंकड़ों पर नजर डालें तो 24 जून से शुरू हुई एसआईआर प्रक्रिया के दौरान कुल 69,30,817 नाम सूची से हटाए गए, जबकि केवल 21,53,343 नए नाम जोड़े गए। इसका मतलब है कि पहले सूची में मौजूद 7 करोड़ 89 लाख 69 हजार 844 मतदाताओं की तुलना में अब लगभग 47 लाख 77 हजार कम मतदाता बचे हैं।






















