Bihar Kendriya Vidyalaya Approval: बिहार की शिक्षा व्यवस्था के लिए बुधवार का दिन ऐतिहासिक साबित हुआ। केंद्र सरकार ने राज्य में 19 नए केंद्रीय विद्यालयों की स्थापना को मंजूरी दे दी है। इस फैसले के साथ ही बिहार के सभी 38 जिलों में केंद्रीय विद्यालय स्थापित हो जाएंगे। अब तक राज्य के 33 जिलों में 53 केंद्रीय विद्यालय थे, लेकिन नई स्वीकृति के बाद इनकी संख्या बढ़कर 72 हो जाएगी।
सबसे अहम बात यह है कि अब तक मधुबनी, शेखपुरा, कैमूर, पूर्वी चंपारण और अरवल जैसे जिलों में केंद्रीय विद्यालय नहीं थे। लेकिन नई घोषणा के बाद शिक्षा का यह नेटवर्क पूरे बिहार को कवर करेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम न केवल शिक्षा की गुणवत्ता को नई ऊंचाई देगा बल्कि आकांक्षी जिलों में शिक्षा सुधार की दिशा में बड़ा बदलाव भी लाएगा।
केंद्र सरकार ने जिन जिलों में नए केंद्रीय विद्यालय की मंजूरी दी है, उनमें सीतामढ़ी के पक्तोला (एसएसबी बटालियन परिसर), कटिहार (आईटीबीपी परिसर), कैमूर (भभुआ), मधुबनी (झंझारपुर और मधुबनी शहर), शेखपुरा (निमी और जमुआरा-कटनीकोल), मधेपुरा, पटना (वाल्मी और दीघा), अरवल, पूर्णिया, भोजपुर (आरा टाउन), मुजफ्फरपुर (बेला औद्योगिक क्षेत्र), मुंगेर, दरभंगा (एम्स परिसर), भागलपुर, नालंदा (बिहारशरीफ) और गया (बोधगया) शामिल हैं।
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इनमें से कई जिले जैसे सीतामढ़ी, कटिहार, शेखपुरा, पूर्णिया, मुजफ्फरपुर और गया आकांक्षी जिलों की श्रेणी में आते हैं। यानी वहां शिक्षा की बुनियादी सुविधाओं का स्तर अन्य जिलों की तुलना में कम था। ऐसे में केंद्रीय विद्यालयों का खुलना वहां के बच्चों के लिए सुनहरे भविष्य की राह खोलेगा।
शिक्षा मंत्रालय के अनुसार इन विद्यालयों की स्थापना से राज्यभर में शिक्षा का दायरा और व्यापक होगा। साथ ही यह पहल न सिर्फ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराएगी बल्कि ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में शैक्षणिक असमानता को भी कम करेगी। मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि स्थायी भवनों के लिए जमीन की पहचान कर ली गई है और प्रारंभिक संचालन अस्थायी भवनों में किया जाएगा। इसके लिए भवन निर्माण और फर्नीचर पर भी विशेष बजट आवंटित किया जाएगा।






















