बिहार में मानसून एक बार फिर कहर बरपाने वाला है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) पटना ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि अगले चार से पांच दिनों तक पूरे राज्य में भारी से अत्यधिक भारी बारिश की संभावना बनी हुई है। यही नहीं, इस दौरान आंधी-तूफान, बिजली गिरने और अचानक बाढ़ जैसी स्थितियां भी उत्पन्न हो सकती हैं। विभाग ने इसे देखते हुए सभी जिलों को अलर्ट पर रहने का निर्देश जारी किया है।

मौसम विभाग के वैज्ञानिक आनंद शंकर के मुताबिक बंगाल की खाड़ी पर बना गहरा डिप्रेशन सीधे बिहार के मौसम को प्रभावित कर रहा है। यह डिप्रेशन ओडिशा और आंध्रप्रदेश के तटीय इलाकों से नमी खींचकर बिहार की ओर ला रहा है। साथ ही, उत्तर प्रदेश और आसपास के क्षेत्रों में बने ऊपरी हवा के चक्रवातीय सिस्टम से भी नमी बिहार की ओर धकेली जा रही है। इन दोनों मौसमीय तंत्रों के कारण अगले कुछ दिनों तक बिहार लगातार भारी बारिश की चपेट में रहेगा।
बीते 24 घंटों में ही बेगूसराय, खगड़िया, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, सीतामढ़ी और समस्तीपुर जैसे जिलों में बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। कई जगहों पर जलजमाव की स्थिति बन गई है और लोगों की आवाजाही प्रभावित हुई है। मौसम विभाग की चेतावनी है कि अगर बारिश का यह दौर जारी रहा तो आने वाले दिनों में नदियों का जलस्तर अचानक बढ़ सकता है और गंगा सहित उसकी सहायक नदियों में बाढ़ की स्थिति बन सकती है।
राजधानी पटना में भी लगातार हो रही भारी बारिश ने स्थिति गंभीर कर दी है। यहां गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने का खतरा मंडरा रहा है। अगर अगले दिनों में बारिश तेज रही तो आंशिक बाढ़ और लंबे समय तक जलजमाव की समस्या से इनकार नहीं किया जा सकता।
मौसम विभाग ने बिजली गिरने और तूफानी हवाओं को सबसे बड़ा खतरा बताया है। आम जनता को सलाह दी गई है कि वे खराब मौसम में घरों से बाहर न निकलें और पेड़ों के नीचे शरण लेने से बचें। निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को किसी भी वक्त प्रशासन की ओर से शिफ्ट करने की चेतावनी दी जा सकती है। आपदा प्रबंधन विभाग को पहले ही सतर्क कर दिया गया है ताकि संभावित संकट से निपटा जा सके।






















