विजयादशमी के अवसर पर केंद्र सरकार ने बिहार के लिए केंद्रीय करों में अंशदान (Bihar Tax Devolution 2025) के तहत 10,219 करोड़ रुपए जारी किए हैं। इस राशि की घोषणा के बाद उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार जताते हुए कहा कि यह निर्णय राज्य के विकास कार्यों को नई गति देगा और करोड़ों बिहारवासियों का मनोबल बढ़ाएगा।
चौधरी ने कहा कि नवरात्र की शुरुआत में ही प्रधानमंत्री मोदी ने पूरे देशवासियों को बड़ा तोहफ़ा दिया था जब जीएसटी की दरों में कटौती की गई थी। अब बिहार को मिली यह टैक्स डिवॉल्यूशन की राशि राज्य के बुनियादी ढांचे, शिक्षा, स्वास्थ्य और कल्याणकारी योजनाओं के लिए बेहद सहायक होगी। उन्होंने कहा कि यह रकम ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों में विकास कार्यों की रफ्तार तेज करेगी।
यह राशि सिर्फ एक किस्त है और आने वाले वित्तीय वर्ष 2025-26 में बिहार को केंद्रीय करों से लगभग 1.38 लाख करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद है। अर्थशास्त्री डॉ. सुधांशु कुमार ने बताया कि राज्यों की हिस्सेदारी 15वें वित्त आयोग द्वारा तय फार्मूले के आधार पर मिलती है। इस फार्मूले में राज्य की जनसंख्या, आय-व्यय क्षमता, भौगोलिक स्थिति और आर्थिक प्रदर्शन को आधार बनाया गया है।
केंद्र सरकार यह राशि पूरे वित्तीय वर्ष में 14 किश्तों में राज्यों को देती है, जिससे राज्यों के पास योजनाओं और विकास कार्यों के लिए नियमित संसाधन उपलब्ध रहते हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि इससे राज्यों की वित्तीय स्थिरता बनी रहती है और योजनाओं के क्रियान्वयन में बाधा नहीं आती।
बिहार जैसे राज्य, जो अभी भी बुनियादी ढांचे और आर्थिक विकास के मामले में पिछड़ेपन से जूझ रहा है, के लिए यह रकम जीवनरेखा साबित हो सकती है। सड़कों, पुलों, सिंचाई, बिजली और स्वास्थ्य सेवाओं जैसी आधारभूत परियोजनाओं में यह राशि तेजी लाने में मदद करेगी। साथ ही कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन से सीधे तौर पर गरीब और ग्रामीण तबकों को राहत मिलेगी।






















