विश्व का सबसे ऊंचा रामायण मंदिर बिहार में बनेगा। इसके निर्माण को लेकर पूर्वी चंपारण में जमीन का इंतजाम होने लगा है। मंदिर के लिए 125 एकड़ जमीन की जरूरत है। अब तक 100 एकड़ जमीन मिल चुकी है।
कैथवलिया के जमींदार ने किया भूमि दान
कैथवलिया के जमींदार इश्ताक मोहम्मद खान ने बुधवार को 23 कट्ठा जमीन रामायण मंदिर के लिए दान कर दी। इससे पहले भी इस परिवार ने मंदिर निर्माण के लिए अपनी जमीन दान की है। महावीर मंदिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणान ने बताया कि मंदिर के शेष जमीन का भी इंतजाम जल्द कर लिया जाएगा। बताया कि मंदिर का निर्माण कार्य संसद भवन निर्माण में काम करने वाले विशेषज्ञों की देखरेख में किया जाएगा। मंदिर की डिजाइन बनाने में अहमदाबाद के आर्किटेक्ट पीयूष सोमपुरा और इंटीरियर डिजाइनर नवरत्न रघुवंशी का सहयोग लिया गया है। मंदिर का निर्माण 2027 में पूरा करने का लक्ष्य है।
रामायण मंदिर में स्थापित होगा सबसे ऊंचा शिवलिंग
आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि रामायण मंदिर में विश्व का सबसे ऊंचा शिवलिंग स्थापित किया जाएगा। इस शिवलिंग की ऊंचाई 33 फीट और गोलाई 33 फीट रहेगी। शिवलिंग निर्माण के लिए कन्याकुमारी के पास 250 मीट्रिक टन का ग्रेनाइट पत्थर खरीदा गया है। इसे शिवलिंग का आकार देने के लिए कन्याकुमारी से महाबलीपुरम बड़ी मुश्किल से भेजा गया है। शिवलिंग का निर्माण सहस्त्रलिंगम की तरह होगा। यानी एक शिवलिंग में एक हजार आठ शिवलिंग बैठाया जाएगा। आठवीं सदी में इस तरह के शिवलिंग बनाए जाते थे। 1300 साल बाद इस तरह के शिवलिंग का निर्माण हो रहा है।
मंदिर की पहली छत 30 फीट की ऊंचाई पर होगी
आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि रामायण मंदिर की पहली छत 30 फीट की ऊंचाई पर होगी। छत से तीन फीट की ऊंचाई पर शिवलिंग होगा, जिस पर श्रद्धालु जलाभिषेक करेंगे। अब तक 27 फीट शिवलिंग चोर राजाओं द्वारा तमिलनाडु के तंजावुर मंदिर में स्थापित कराया गया है। इस मंदिर में 12 शिखर होंगे। यहां चार मुनियों के नाम पर चार आश्रम बनाए जाएंगे। शिखर के निर्माण के लिए दक्षिण भारत से विशेषज्ञ बुलाए जाएंगे।