बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Election 2025) नजदीक आते ही राज्य की सियासी जंग और तेज हो गई है। एक तरफ़ नेताओं के शिलान्यास और उद्घाटन कार्यक्रमों में समर्थकों की भीड़ जुट रही है, वहीं दूसरी ओर जनता का गुस्सा भी उभरकर सामने आ रहा है। बेगूसराय और मधेपुरा में आज दो घटनाओं ने यह साफ़ कर दिया कि बिहार की राजनीति में इस बार जनता का मूड पारंपरिक समीकरणों से कहीं अधिक मुद्दों पर टिका हुआ है।
बेगूसराय में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह अनुमंडल स्तरीय अस्पताल का शिलान्यास करने पहुंचे थे। उनके साथ बखरी विधायक सूर्यकांत पासवान, डीएम तुषार सिंगला और कई अन्य अधिकारी मौजूद थे। शिलान्यास के बाद अचानक ही सीपीआई समर्थकों और एनडीए कार्यकर्ताओं के बीच तीखी नारेबाजी शुरू हो गई। दोनों ओर से जिंदाबाद-मुर्दाबाद के नारे गूंजते रहे और करीब दस मिनट तक माहौल तनावपूर्ण बना रहा। हालांकि प्रशासन की सतर्कता के चलते स्थिति काबू में आई और गिरिराज सिंह वहां से रवाना हो गए। इस घटना ने साफ़ कर दिया कि बेगूसराय में वामपंथ और एनडीए की जंग सीधी टकराहट का रूप लेने लगी है।

दूसरी ओर, मधेपुरा में अलग ही तस्वीर देखने को मिली। यहां सदर विधायक और पूर्व शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर को जनता के भारी विरोध का सामना करना पड़ा। मुरहो के मेले में जब वे अपने समर्थकों के साथ पहुंचे तो ग्रामीणों ने घेरकर सवाल दाग दिए। लोगों ने पूछा कि इतने वर्षों में क्षेत्र की समस्याओं पर ध्यान क्यों नहीं दिया गया और विधायक चुनावी मौसम में ही क्यों दिखाई देते हैं। बेरोजगारी, स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी, सड़क और नालियों की बदहाल स्थिति जैसे मुद्दों पर जनता ने खुलकर नाराजगी जताई। भीड़ में मौजूद युवाओं ने “प्रो. चंद्रशेखर हटाओ, मधेपुरा बचाओ” के नारे लगाए और यह पूरा घटनाक्रम सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।






















