Jagdishpur Vidhansabha 2025: भोजपुर जिले की जगदीशपुर विधानसभा सीट (निर्वाचन क्षेत्र संख्या 197) बिहार की उन राजनीतिक धरतियों में से है, जिसने राज्य की सत्ता की दिशा तय करने में कई बार निर्णायक भूमिका निभाई है। यह सीट 1951 से अस्तित्व में है और तब से लेकर अब तक इसने बिहार की राजनीति में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। कांग्रेस के प्रभुत्व के शुरुआती दौर से लेकर राजद और जदयू के टक्कर वाले वर्तमान परिदृश्य तक, जगदीशपुर की राजनीति ने हर युग में नया रंग लिया है।
चुनावी इतिहास
1952 से अब तक हुए 16 विधानसभा चुनावों में यहां की जनता ने विचारधाराओं से प्रेरित होकर वोट किया है। शुरुआती तीन दशकों तक कांग्रेस का वर्चस्व रहा — 1985 तक कांग्रेस यहां चार बार विजयी हुई। लेकिन उसके बाद से पार्टी का ग्राफ लगातार गिरता चला गया और अब कांग्रेस के लिए यह सीट पुनः हासिल करना किसी चुनौती से कम नहीं है।
इसके बाद राजनीति की धारा धीरे-धीरे वामपंथ और समाजवादी दलों की ओर मुड़ने लगी। राजद और जदयू (पूर्व सामता पार्टी सहित) ने इस सीट पर तीन-तीन बार जीत दर्ज की। एक दिलचस्प तथ्य यह भी है कि यहां कभी-कभी निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी जनता का भरोसा जीता — दो बार स्वतंत्र उम्मीदवार विजयी हुए हैं। जनता दल, लोकदल, प्रजा सोशलिस्ट पार्टी और इंडियन पीपुल्स फ्रंट जैसे दल भी यहां से अपनी छाप छोड़ चुके हैं।
Ara Vidhan Sabha 2025: यादव-राजपूत समीकरण और बीजेपी बनाम महागठबंधन की कड़ी जंग
1990 के दशक में वामपंथ का प्रभाव बढ़ा, जब सीपीएम ने यहां जीत का स्वाद चखा, लेकिन कुछ ही समय में बीजेपी के उभार के साथ समीकरण फिर बदल गए। नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव के बीच की सियासी खींचतान ने इस सीट को एक नए शक्ति केंद्र में बदल दिया। नीतीश की पार्टी जदयू ने यहां लगातार तीन बार जीत दर्ज की थी, लेकिन उसके बाद से राजद ने 2010, 2015 और 2020 के चुनावों में लगातार बाज़ी मारी।
श्रीभगवान सिंह ने 1990 में इंडियन पीपुल्स फ्रंट से, 2000 में समता पार्टी से और 2005 में जदयू से तीन बार जीत दर्ज की थी। वहीं, 2010 में राजद के दिनेश कुमार सिंह ने जीत हासिल की और इसके बाद से यह सीट राजद के प्रभाव में है।
2015 के चुनाव में जब राजद और जदयू गठबंधन में थे, तब यह सीट राजद के खाते में आई। राम विष्णु सिंह (RJD) ने लगभग 49 हजार वोट पाकर आरएलएसपी के राकेश रौशन को मात दी। 2020 के चुनाव में रामविशुन सिंह लोहिया (RJD) ने एलजेपी के श्रीभगवान सिंह कुशवाहा को 22,107 वोटों के अंतर से हराया। उस चुनाव में रामविशुन सिंह को 65,643 वोट, जबकि कुशवाहा को 44,151 वोट मिले थे।
जातीय समीकरण
जातीय समीकरण की बात करें तो जगदीशपुर की राजनीति का असली केंद्र यादव और राजपूत मतदाता ही हैं। करीब 2.75 लाख मतदाताओं वाले इस क्षेत्र में यादव और कुशवंशी समुदाय निर्णायक स्थिति में हैं। लगभग 1.42 लाख पुरुष वोटर इस सीट पर हैं। यही कारण है कि हर दल उम्मीदवार चयन में इन जातीय समूहों को साधने की रणनीति अपनाता है।
2025 के चुनाव में भी मुकाबला RJD और JDU के बीच ही सिमटता दिख रहा है। जहां राजद इस सीट पर अपनी पकड़ बरकरार रखना चाहेगी, वहीं जदयू अपने पुराने गढ़ को फिर से हासिल करने के लिए हर राजनीतिक दांव खेलेगी। भाजपा भी इस सीट पर गठबंधन समीकरणों के जरिये अपनी भूमिका तलाश रही है। कांग्रेस के लिए यहां पुनरुत्थान लगभग असंभव नजर आता है, क्योंकि उसका जनाधार अब काफी कमजोर हो चुका है।






















