बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Chunav 2025) की राजनीतिक गहमागहमी के बीच कांग्रेस ने एक नया सियासी अभियान छेड़ दिया है। पार्टी के फायरब्रांड नेता और पूर्व जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने शनिवार को पटना में “20 साल 20 सवाल” नामक अभियान की शुरुआत की। इस अभियान के तहत कांग्रेस हर दिन नीतीश कुमार और बीजेपी की डबल इंजन सरकार से एक बड़ा सवाल पूछेगी — जिसका सीधा संबंध जनता के मुद्दों और बिहार के विकास से होगा।
कन्हैया कुमार ने अपने अंदाज़ में सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि “जो सरकार वोट चोरी से बनती है, वह जमीन चोर और मुनाफाखोर बन जाती है।” उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार में भ्रष्टाचार और पूंजीपतियों के प्रभाव की राजनीति चरम पर है। उनका दावा है कि केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री के “मित्र” अडानी को बिहार में 1 रुपए प्रति वर्गफुट दर से जमीन दी, जबकि यह जमीन आम निवेशकों या राज्य की जनता के हित में इस्तेमाल की जा सकती थी।
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कन्हैया ने कहा कि यह परियोजना पहले यूपीए सरकार के समय स्वीकृत हुई थी, लेकिन उसका फायदा बिहार की जनता को मिलने के बजाय कॉर्पोरेट घरानों को पहुंचा दिया गया। उन्होंने यह भी दावा किया कि जहां अन्य राज्यों में अडानी को 3 रुपए प्रति यूनिट की दर पर ठेका दिया गया है, वहीं बिहार में यह दर 6 रुपए प्रति यूनिट तय की गई, जिससे राज्य को 56,000 करोड़ रुपए का भारी आर्थिक नुकसान हुआ।
युवाओं और रोजगार के मुद्दे पर बोलते हुए कन्हैया कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “युवा संवाद” कार्यक्रम पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री युवाओं से संवाद कर रहे हैं, यह स्वागत योग्य है, लेकिन उन्हें यह याद रखना चाहिए कि वे देश के प्रधानमंत्री हैं, विपक्ष के नेता नहीं।” कन्हैया ने कहा कि प्रधानमंत्री को संवाद नहीं, समाधान देना चाहिए, क्योंकि बिहार और देश के युवाओं को सिर्फ बातें नहीं, अवसर चाहिए।
कांग्रेस का “20 साल 20 सवाल” अभियान चुनावी माहौल में बड़ा असर डाल सकता है, क्योंकि यह सीधे-सीधे बिहार की जनता से जुड़े विषयों — जैसे बेरोजगारी, शिक्षा, उद्योग और भ्रष्टाचार — पर केंद्रित है। वहीं यह अभियान कन्हैया कुमार की छवि को राज्य में एक मुखर युवा नेता के रूप में और मजबूत करेगा।






















