बिहार विधानसभा चुनाव की आहट तेज होते ही भारतीय जनता पार्टी (BJP Bihar Election 2025) ने अपने संगठनात्मक समीकरणों को दुरुस्त करने और टिकट बंटवारे की रणनीति पर मंथन शुरू कर दिया है। पार्टी की चुनाव समिति की बैठक का आज दूसरा दिन है, जिसमें खास तौर पर 2020 के चुनाव में हारी हुई सीटों और बची हुई सिटिंग सीटों पर गहन चर्चा हो रही है। पहले दिन पार्टी ने 60 सिटिंग सीटों पर समीक्षा की थी, जबकि आज का फोकस उन सीटों पर है जहां पार्टी पिछली बार हार गई थी या प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा।
सूत्रों के अनुसार, भाजपा नेतृत्व ने स्पष्ट कर दिया है कि इस बार टिकट वितरण केवल पुराने समीकरणों के आधार पर नहीं होगा, बल्कि प्रदर्शन और ग्राउंड रिपोर्ट को प्राथमिकता दी जाएगी। यही कारण है कि मौजूदा विधायकों की परफॉर्मेंस रिपोर्ट पर पार्टी नेतृत्व ने सख्त नजर डाली है। कुछ सीटों पर मौजूदा विधायकों की जगह नए चेहरे उतारे जाने की संभावना भी जताई जा रही है। भाजपा का उद्देश्य इस बार बिहार में “विनिंग कॉम्बिनेशन” तैयार करना है ताकि एनडीए गठबंधन की स्थिति और मजबूत हो सके।
बिहार में चुनाव आयोग की बैठक आज दूसरे दिन भी जारी.. जानिए पहले दिन क्या-क्या हुआ
शनिवार को हुई पहली बैठक करीब तीन घंटे तक चली, जिसमें बिहार प्रभारी और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने अध्यक्षता की। बैठक में सह-प्रभारी एवं यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, दोनों बिहार डिप्टी सीएम, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, विनोद तावड़े, दीपक प्रकाश, नंदकिशोर यादव समेत सभी 18 सदस्य मौजूद रहे। इस बैठक में बिहार की सभी 243 सीटों की समीक्षा का रोडमैप तैयार किया गया।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि बीजेपी इस बार “युवा और महिला सशक्तिकरण” को अपनी चुनावी थीम बना सकती है। महिलाओं और युवाओं को टिकट वितरण में प्राथमिकता देने के संकेत पार्टी नेतृत्व ने बैठक के दौरान दिए। साथ ही पार्टी के अंदर संगठनात्मक संतुलन बनाए रखने और जातीय समीकरणों को साधने पर भी रणनीति तय की जा रही है।






















