बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Election 2025) जैसे-जैसे करीब आ रहा है, वैसे-वैसे एनडीए (NDA) के भीतर सियासी तापमान बढ़ता जा रहा है। सीट बंटवारे को लेकर सहयोगी दलों के बीच खींचतान खुलकर सामने आने लगी है। रविवार को इस राजनीतिक हलचल के बीच बीजेपी के शीर्ष नेता और चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, बिहार बीजेपी प्रभारी विनोद तावड़े और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी के आवास पहुंचे। इस मुलाकात में सीट शेयरिंग को लेकर लंबी चर्चा हुई। सूत्रों के अनुसार, जीतनराम मांझी कुछ सीटों को लेकर असंतुष्ट हैं और उन्होंने अपनी नाराजगी पार्टी नेतृत्व के सामने रखी।
मुलाकात के बाद बीजेपी नेताओं का काफिला राज्यसभा सांसद उपेंद्र कुशवाहा के आवास पहुंचा, जहां एक और दौर की बातचीत हुई। उपेंद्र कुशवाहा भी सीट वितरण के मौजूदा प्रस्ताव से खुश नहीं बताए जा रहे हैं। बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री ऋतुराज सिंह भी इस मुलाकात में मौजूद थे। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि एनडीए में सहयोगी दलों की यह नाराजगी गठबंधन के भीतर अंदरूनी तनाव का संकेत है, जिसे सुलझाने के लिए बीजेपी सक्रिय भूमिका निभा रही है।
22 नवंबर तक हो जाएगी बिहार में पूरी चुनावी प्रक्रिया.. जानिए चुनाव आयोग ने क्या कहा
सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी ने अपने सहयोगियों को आश्वासन दिया है कि सीट बंटवारे में हर दल की “राजनीतिक ताकत और ज़मीनी समीकरण” को ध्यान में रखा जाएगा। पार्टी रणनीतिकारों का मानना है कि बिहार जैसे जटिल सामाजिक ढांचे वाले राज्य में गठबंधन की एकजुटता ही चुनावी सफलता की कुंजी है। इसलिए बीजेपी नेतृत्व नहीं चाहता कि सीटों के विवाद से जनता के बीच कोई नकारात्मक संदेश जाए।






















