Bihar Election 2025: बिहार की राजनीति में एक बार फिर से नया तूफान खड़ा हो गया है। कांग्रेस ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाते हुए दावा किया है कि मोदी सरकार के इशारे पर मतदाता सूची में भारी फर्जीवाड़ा हुआ है। महिला कांग्रेस अध्यक्ष अलका लांबा ने रविवार को दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में प्रेस वार्ता कर कहा कि बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण के नाम पर 38 लाख लोगों के नाम काट दिए गए हैं। इसमें 23 लाख महिलाएं और 15 लाख पुरुष शामिल हैं, जो आगामी विधानसभा चुनाव में अपने मताधिकार से वंचित हो जाएंगे।
लांबा ने सवाल उठाया कि जब ये महिलाएं 2024 लोकसभा चुनाव में वोट डाल चुकी हैं, तो अचानक अब इन्हें मतदाता सूची से बाहर करने का क्या औचित्य है? क्या तब डाले गए वोट फर्जी थे? उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के दबाव में चुनाव आयोग मतदाता सूची के साथ खिलवाड़ कर रहा है।
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कांग्रेस का दावा है कि जिन छह जिलों में सबसे ज्यादा महिलाओं के नाम काटे गए हैं, उनमें गोपालगंज, सारण, बेगूसराय, समस्तीपुर, भोजपुर और पूर्णिया शामिल हैं। इन जिलों में लगभग 60 विधानसभा सीटें आती हैं और 2020 के चुनावों में इंडिया गठबंधन ने यहां से 25 सीटों पर जीत दर्ज की थी। कांग्रेस का मानना है कि मतदाता सूची में छेड़छाड़ कर खासतौर पर उन्हीं क्षेत्रों को निशाना बनाया गया है, जहां विपक्ष की स्थिति मजबूत है।
पार्टी ने इस मुद्दे को केवल बिहार तक सीमित न रखकर राष्ट्रीय स्तर पर उठाने का फैसला किया है। ‘वोट चोरी’ के खिलाफ कांग्रेस देशभर में हस्ताक्षर अभियान चला रही है, जिसके तहत पांच करोड़ लोगों से समर्थन जुटाने का लक्ष्य रखा गया है। कांग्रेस का कहना है कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए यह लड़ाई जरूरी है और यदि मतदाता सूची से छेड़छाड़ नहीं रुकी तो चुनाव की निष्पक्षता पर ही सवाल खड़े हो जाएंगे।






















