Rajgir Protest: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा में इन दिनों राजनीतिक तापमान तेजी से बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री के दौरे के बाद राजगीर में अप्रत्याशित रूप से विरोध की लहर देखने को मिली। जैसे ही नीतीश कुमार का कार्यक्रम समाप्त हुआ, सड़कों पर महिलाओं और पुरुषों की भीड़ उमड़ पड़ी। भीड़ ने “मुख्यमंत्री जिंदाबाद, विधायक वापस जाओ” के नारे लगाते हुए जदयू विधायक कौशल किशोर के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर किया।
यह विरोध सिर्फ नारेबाजी तक सीमित नहीं रहा, बल्कि जनता के असंतोष की जड़ में स्थानीय विकास की कमी और जनसंपर्क की टूटती कड़ी भी सामने आई। जदयू दलित प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष बादल भारती ने खुलकर विधायक कौशल किशोर पर आरोप लगाया कि “वह अपने क्षेत्र के लोगों से न मिलते हैं, न उनकी समस्याओं का समाधान करते हैं। उनका जनता से कोई सीधा जुड़ाव नहीं है।”
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उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आग्रह किया कि आगामी विधानसभा चुनाव में राजगीर से नया उम्मीदवार दिया जाए, ताकि क्षेत्र में विकास के काम गति पकड़ सकें। यह मांग अब राजगीर की जनता के बीच एक सामूहिक आवाज बनती जा रही है।
विधायक कौशल किशोर का परिवार लंबे समय से इस सीट से जुड़ा रहा है। उनके पिता सत्यदेव नारायण आर्य सात बार भाजपा के टिकट पर राजगीर से विधायक रह चुके हैं और बाद में उन्हें राज्यपाल नियुक्त किया गया। इसके बाद राजनीतिक समीकरण बदले और कौशल किशोर ने पिछला विधानसभा चुनाव जदयू के टिकट पर लड़ा, जिसमें उन्होंने पूर्व विधायक रवि ज्योति को हराकर जीत हासिल की।
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हालांकि, जीत के बाद से क्षेत्र की जनता में नाराजगी बढ़ती गई। लोगों का कहना है कि विधायक बनने के बाद कौशल किशोर ने जनता से दूरी बना ली और न तो विकास कार्यों पर ध्यान दिया और न ही जनसमस्याओं पर कोई पहल की। यही कारण है कि अब राजगीर की जनता किसी नए, सक्रिय और जमीनी नेता की तलाश में है।






















