बिहार के पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन (Nitin Naveen Report Card) ने सोमवार को अपने विभाग के कार्यकाल की उपलब्धियों का रिपोर्ट कार्ड जारी किया, जिसमें सड़क निर्माण से लेकर नई नीतियों और भविष्य की योजनाओं तक का विस्तृत खाका पेश किया गया। यह रिपोर्ट न केवल सरकार की विकास गति को दर्शाती है, बल्कि 2025 के बाद के लिए एक दूरदर्शी रोडमैप भी प्रस्तुत करती है।
नितिन नवीन ने बताया कि 2020 से 2025 के बीच पथ निर्माण विभाग ने कई अहम परियोजनाओं को पूरा किया है। इनमें पटना-डोभी सड़क का उद्घाटन, सिमरिया पुल का निर्माण, और कई नई परियोजनाओं की शुरुआत शामिल है। बिहार के इंफ्रास्ट्रक्चर में बड़ा बदलाव लाने वाली योजनाओं में गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे और रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेसवे का विशेष उल्लेख किया गया, जो न केवल राज्य को देश के अन्य हिस्सों से जोड़ेगी बल्कि आर्थिक गतिविधियों को भी रफ्तार देगी।

मंत्री ने बताया कि विभाग का मुख्य लक्ष्य 2027 तक बिहार के किसी भी हिस्से से राजधानी पटना तक सिर्फ चार घंटे में पहुंचना है। इस लक्ष्य को पाने के लिए विभाग ने अब तक 13,000 किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया है, जबकि आने वाले वर्षों में 20,000 किलोमीटर नई सड़कों के निर्माण की योजना है। उन्होंने यह भी कहा कि विभाग हर गांव को 40 किलोमीटर के दायरे में किसी न किसी “फोल्ड इन सड़क” से जोड़ने पर काम कर रहा है ताकि ग्रामीण क्षेत्रों तक भी बेहतर संपर्क स्थापित हो सके।
नितिन नवीन ने विभाग की नई पहलों का उल्लेख करते हुए बताया कि ब्रिज मेंटेनेंस पॉलिसी लागू की गई है, जिससे पुलों और सड़कों की गुणवत्ता में निरंतर सुधार हो सकेगा। इसके अलावा गंगा एक्सप्रेसवे और डबल डेकर ब्रिज जैसी आधुनिक परियोजनाओं पर भी तेजी से काम हो रहा है।
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अपने संबोधन में मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि विभाग का काम राजनीति से प्रेरित नहीं है। उन्होंने कहा कि मीठापुर में बने पुराने हाउस का सड़क निर्माण विभाग से कोई संबंध नहीं, लेकिन चुनावी माहौल में लोग विभिन्न मुद्दों को तूल दे रहे हैं।
नितिन नवीन का कहना था कि विभाग का उद्देश्य सिर्फ सड़क बनाना नहीं, बल्कि “सड़क से विकास तक” की सोच को धरातल पर उतारना है। आने वाले वर्षों में बिहार के सड़क नेटवर्क को राष्ट्रीय स्तर की कनेक्टिविटी से जोड़ना उनका प्राथमिक लक्ष्य है।






















