बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Election 2025) की तारीखों के ऐलान के साथ ही राज्य की राजनीति में नई हलचल शुरू हो गई है। चुनाव आयोग ने इस बार दो चरणों में मतदान कराने की घोषणा की है — पहले चरण में 6 नवंबर और दूसरे चरण में 11 नवंबर को वोटिंग होगी, जबकि मतगणना 14 नवंबर को होगी। इस बीच, जनता के बीच लगातार सक्रिय राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने इसे “बदलाव की दिशा में अहम कदम” बताया है।
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प्रशांत किशोर ने कहा कि यह चुनाव बिहार की राजनीति को एक नई दिशा देगा। उनके अनुसार, “ये चुनाव सिर्फ सत्ता परिवर्तन का नहीं बल्कि सोच और व्यवस्था के बदलाव का मौका है। बिहार की जनता को इस बार अवसर मिला है कि वो अपने भविष्य को खुद गढ़े।” उन्होंने कहा कि दो चरणों में चुनाव कराना एक संतुलित निर्णय है, जिससे न सिर्फ प्रशासनिक पारदर्शिता बनी रहेगी बल्कि मतदान प्रक्रिया अधिक सुव्यवस्थित ढंग से संचालित की जा सकेगी।
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पीके के अनुसार, इस बार एनडीए की लोकप्रियता में स्पष्ट गिरावट है और जनता में मौजूदा सरकार के खिलाफ असंतोष साफ झलक रहा है। उन्होंने कहा कि “एनडीए का पारा नीचे गया है, लोगों में बदलाव की लहर है और दो चरणों की व्यवस्था से यह लहर और मजबूत होगी।” उन्होंने यह भी कहा कि कुछ दलों की पुरानी चुनावी रणनीतियां अब असर नहीं दिखा रहीं, क्योंकि बिहार की जनता अब विकास और जवाबदेही चाहती है, न कि सिर्फ वादे और प्रचार।






















