Goh Vidhan Sabha 2025: गोह विधानसभा क्षेत्र, जो औरंगाबाद जिले में स्थित है और काराकाट लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है, बिहार की राजनीति में हमेशा से ही अहमियत रखता रहा है। 1951 में स्थापित इस क्षेत्र ने अपने चुनावी इतिहास में कांग्रेस, वामपंथी दलों और समाजवादी पार्टियों का मिश्रित प्रभाव देखा है। कुल 16 विधानसभा चुनावों में कांग्रेस और भाकपा ने चार-चार बार जीत दर्ज की है, जबकि समाजवादी और संयुक्त समाजवादी पार्टियों के एक-एक प्रतिनिधि इस क्षेत्र की राजनीतिक विविधता को दर्शाते है
चुनावी इतिहास
2000 के दशक की शुरुआत में समता पार्टी ने इस क्षेत्र में अपनी ताकत दिखाई। इसके बाद जेडीयू ने लगातार तीन बार गोह पर अपना प्रभुत्व कायम किया। 2015 में बीजेपी ने इस क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत की। लेकिन 2020 के विधानसभा चुनाव में आरजेडी ने पहली बार गोह सीट पर परचम लहराया, जब भीम सिंह ने बीजेपी के उम्मीदवार मनोज शर्मा को परास्त किया। इस चुनाव में रालोसपा के रणविजय कुमार तीसरे स्थान पर रहे, जिन्होंने लगभग 44 हजार वोट हासिल किए।
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जातीय समीकरण
जातीय समीकरण इस सीट की राजनीति में निर्णायक भूमिका निभाते हैं। गोह विधानसभा में यादव, मुस्लिम, राजपूत, भूमिहार और पासवान मतदाता महत्वपूर्ण हिस्सेदारी रखते हैं। अनुसूचित जातियों का प्रतिनिधित्व 20.72 प्रतिशत है, जबकि मुस्लिम मतदाता लगभग 8.4 प्रतिशत हैं। यह विविध सामाजिक संरचना राजनीतिक दलों के लिए गठबंधन और रणनीति बनाने में अहम भूमिका निभाती है।






















