पटना की राजनीति से जुड़े बहुचर्चित सत्यनारायण सिन्हा हत्याकांड में राजद विधायक रीतलाल यादव (RJD MLA Reetlal Yadav) को बड़ी कानूनी राहत मिली है। मंगलवार को पटना के एमपी/एमएलए विशेष अदालत ने उन्हें जमानत दे दी। यह मामला भाजपा नेता और दानापुर की पूर्व विधायक आशा सिन्हा के पति सत्यनारायण सिन्हा की हत्या से जुड़ा है, जो दो दशकों से बिहार की राजनीतिक और कानूनी हलचलों का केंद्र रहा है।

अदालत ने मंगलवार को दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद यह फैसला सुनाया। जैसे ही जमानत की खबर बाहर आई, दानापुर क्षेत्र में रीतलाल यादव के समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई। समर्थकों ने ढोल-नगाड़ों के साथ पटाखे फोड़े, मिठाइयां बांटीं और ‘रीतलाल यादव जिंदाबाद’ के नारे लगाए। स्थानीय स्तर पर इसे यादव के राजनीतिक पुनर्जीवन के संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
यह मामला 30 अप्रैल 2003 का है, जब पटना के गांधी मैदान में “तेल पिलावन, लाठी घुमावन रैली” का आयोजन हुआ था। उसी दिन खगौल के पास जमालुद्दीन चक में भाजपा नेता सत्यनारायण सिन्हा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस घटना ने उस समय बिहार की राजनीति को हिला दिया था।
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इस हत्या में रीतलाल यादव समेत कई अन्य लोगों पर हत्या की साजिश रचने और अपराधियों को शरण देने का आरोप लगाया गया था। पिछले 20 वर्षों से यह मामला अदालत में लंबित था। जमानत मिलने के बाद अब रीतलाल यादव को राहत तो मिली है, लेकिन मुकदमे की अगली सुनवाई अभी जारी रहेगी।
रीतलाल यादव का नाम पहले भी विवादों और आपराधिक मामलों से जुड़ता रहा है। इसके बावजूद वे अपने क्षेत्र में मजबूत जनाधार और प्रभावशाली नेता के रूप में जाने जाते हैं। 2020 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने दानापुर सीट से आरजेडी टिकट पर जीत हासिल की थी। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इस जमानत से यादव की राजनीतिक स्थिति और मजबूत हो सकती है, क्योंकि उनका संगठनात्मक नेटवर्क दानापुर से लेकर पटना ग्रामीण इलाके तक गहराई से फैला हुआ है।






















