Bihar Chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारी के बीच जनता दल (यूनाइटेड) यानी जेडीयू के भीतर हलचल तेज हो गई है। पार्टी के कई सीटिंग विधायक इस समय गहरी चिंता में हैं क्योंकि उनकी जीती हुई सीटों पर भी इस बार कई नए दावेदार सामने आ गए हैं। पिछले चुनाव में जेडीयू ने 115 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे और 43 सीटों पर जीत हासिल की थी, लेकिन अब उन्हीं सीटों पर टिकट के लिए जबरदस्त प्रतिस्पर्धा देखने को मिल रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कई प्रभावशाली नेता और स्थानीय स्तर पर मजबूत उम्मीदवारों ने पार्टी को अपना बायोडाटा सौंप दिया है। इनमें से कई ने मौजूदा विधायकों से खुद को बेहतर बताते हुए टिकट की मांग की है। दिलचस्प बात यह है कि इन दावेदारों में ऐसे लोग भी शामिल हैं जिन्होंने पिछली बार उन्हीं विधायकों की जीत में अहम भूमिका निभाई थी। यही वजह है कि कई सीटिंग विधायक अब बड़े नेताओं के चक्कर काट रहे हैं ताकि किसी भी हाल में उनका टिकट सुरक्षित रह सके।
पार्टी ने इस बार उम्मीदवार चयन के लिए सख्त मानदंड तय किए हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संगठन को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि सिर्फ वही उम्मीदवार टिकट पाएंगे जिनकी जीत की संभावना सबसे अधिक है। इसके लिए जेडीयू ने एक आंतरिक सर्वे शुरू किया है जिसमें हर विधायक के कामकाज, क्षेत्रीय प्रभाव, जनता से जुड़ाव और सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में उनकी भूमिका की गहन समीक्षा की जा रही है।
सर्वे में यह भी परखा जा रहा है कि क्या सीटिंग विधायक अपनी व्यक्तिगत लोकप्रियता के दम पर चुनाव जीत सकते हैं या अब भी वे सिर्फ नीतीश कुमार के नाम पर निर्भर हैं। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि पार्टी का यह सर्वे जेडीयू की 2025 रणनीति का अहम हिस्सा है, क्योंकि नीतीश कुमार नहीं चाहते कि कमजोर प्रदर्शन करने वाले विधायक दोबारा टिकट पाएँ और पार्टी की संभावनाएं प्रभावित हों।
पार्टी के भीतर यह चर्चा तेज है कि कुछ विधायकों के टिकट इस बार कट सकते हैं। खासकर वे जिनकी क्षेत्रीय पकड़ कमजोर हो चुकी है या जिनका प्रदर्शन जनता की अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतरा। वहीं, जिन उम्मीदवारों की जीत की संभावना ज्यादा है, चाहे वे नए हों या पुराने, उन्हें मौका दिया जाएगा। जेडीयू के लिए 2025 का चुनाव न केवल सत्ता में वापसी की चुनौती है, बल्कि संगठन के भीतर की असंतुष्टि को संभालने की भी परीक्षा है।






















