इस बार बिहार की राजनीति (Bihar election 2025) का “हवाई मोर्चा” पहले से कहीं ज्यादा सक्रिय नजर आ रहा है। चुनावी रैलियों और जनसभाओं के लिए हेलीकॉप्टरों की बुकिंग ने रफ्तार पकड़ ली है, और पटना समेत राज्य के कई हवाई ठिकानों पर राजनीतिक उड़ानों का सिलसिला शुरू हो गया है।
राज्य में इस समय सबसे मजबूत स्थिति एनडीए गठबंधन की दिख रही है। भारतीय जनता पार्टी और जनता दल (यूनाइटेड) ने प्रचार को आकाशीय गति देने की पूरी तैयारी कर ली है। जानकारी के मुताबिक, भाजपा के पास इस चुनाव में 5 से 6 हेलीकॉप्टर उपलब्ध हैं, जिनसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी के स्टार प्रचारक राज्य के कोने-कोने में जनसभाओं की बाढ़ लाने वाले हैं। वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जदयू भी दो हेलीकॉप्टरों के सहारे सीमांचल से लेकर मगध तक अपने अभियानों को धार देगी।
दूसरी ओर, विपक्षी महागठबंधन भी पीछे नहीं रहना चाहता। हालांकि संसाधनों के लिहाज से एनडीए से थोड़ा कमजोर दिख रहा है, लेकिन प्रचार के जोश में कोई कमी नहीं है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस मिलकर मैदान में हैं। लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव के पास दो हेलीकॉप्टर हैं, जबकि कांग्रेस के पास तीन हेलीकॉप्टर हैं जो राहुल गांधी की ‘न्याय यात्रा’ को उड़ान देंगे। सीमांचल में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम भी एक हेलीकॉप्टर के सहारे अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की कोशिश कर रही है।
बता दें कि चुनाव आयोग ने दो चरणों में मतदान की तारीखें तय की हैं — 6 नवंबर और 11 नवंबर। इसके साथ ही अब सभी राजनीतिक दलों की हवाई तैयारियां अपने चरम पर हैं। पटना एयरपोर्ट प्रशासन के अनुसार, 10 अक्टूबर से प्रतिदिन 12 से 15 हेलीकॉप्टरों की उड़ानें तय होंगी। कुल 30 हेलीकॉप्टरों की पार्किंग क्षमता को देखते हुए एयरपोर्ट प्रबंधन ने अलर्ट मोड अपना लिया है। सुबह 8 बजे से उड़ानें शुरू होंगी और शाम 6 बजे तक लौट आएंगी।






















