बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले राज्य की सियासत में एक बार फिर बड़ा भूचाल आया है। पूर्णिया के पूर्व सांसद और जेडीयू के कद्दावर नेता संतोष कुशवाहा (Santosh Kushwaha) ने नीतीश कुमार की पार्टी को अलविदा कहने का मन बना लिया है। सूत्रों से मिल रही पक्की जानकारी के मुताबिक, संतोष कुशवाहा आज दोपहर दो बजे जनता दल यूनाइटेड से औपचारिक रूप से इस्तीफा देने जा रहे हैं। इस इस्तीफे के साथ ही उनके सैकड़ों समर्थक भी पार्टी छोड़ने को तैयार हैं। यह कदम जेडीयू के लिए उस वक्त एक बड़ा झटका साबित हो सकता है जब पार्टी चुनावी समीकरण को साधने की कोशिश में जुटी है।
संतोष कुशवाहा अब राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) का दामन थाम सकते हैं। बताया जा रहा है कि आरजेडी नेतृत्व ने उन्हें धमदाहा विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाए जाने का संकेत दे दिया है। यह वही सीट है जहां से नीतीश सरकार में मंत्री लेसी सिंह विधायक हैं। ऐसे में धमदाहा सीट अब सीधी सियासी जंग का मैदान बनती दिख रही है।
संतोष कुशवाहा के आरजेडी में जाने से न सिर्फ सीमांचल बल्कि कुशवाहा वोट बैंक में भी बड़ा असर पड़ सकता है। संतोष कुशवाहा का कद इस क्षेत्र में काफी मजबूत माना जाता है और उनकी पकड़ ग्रामीण इलाकों तक गहरी है। जेडीयू के अंदरूनी सूत्रों का मानना है कि यह विद्रोह पार्टी के भीतर असंतोष का संकेत है, खासकर उस वर्ग में जो खुद को नेतृत्व से उपेक्षित महसूस कर रहा है।
उधर, खबर यह भी है कि एलजेपी (रामविलास) के नेता अजय कुशवाहा भी आज दोपहर आरजेडी में शामिल हो सकते हैं। यदि ऐसा होता है तो कुशवाहा समाज में आरजेडी की पकड़ और मजबूत होगी। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि तेजस्वी यादव की रणनीति अब बेहद स्पष्ट है—सीमांचल और ओबीसी वोटों को साधकर नीतीश कुमार की नींव कमजोर करना।






















