बिहार की राजनीतिक (Vazirganj Assembly Election 2025) गहमागहमी में वजीरगंज विधानसभा सीट एक अहम रणनीतिक मोड़ साबित हो रही है। 2008 में शेरघाटी से अलग बनने के बाद यह सीट अब तक तीन विधानसभा चुनावों का गवाह बन चुकी है। 2010 और 2020 में भाजपा ने यहां स्पष्ट जीत दर्ज की, जबकि 2015 में कांग्रेस ने अचानक वापसी की थी। भाजपा के वर्तमान विधायक बीरेंद्र सिंह ने 2020 में कुल 70,713 वोटों के साथ अपनी जीत दर्ज की थी, जबकि कांग्रेस के शशि शेखर सिंह दूसरे स्थान पर रहे थे।
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2025 में भी बीजेपी की स्थिति काफी मजबूत है, खासकर जब उसके सहयोगी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी का क्षेत्र में प्रभाव है। 2024 के गया लोकसभा चुनाव में मांझी ने वजीरगंज क्षेत्र में 23,696 वोटों की बढ़त हासिल की थी, जो आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा को मजबूती दे सकती है।
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वजीरगंज विधानसभा एक सामान्य (अनारक्षित) सीट है, लेकिन इसकी जनसांख्यिकीय संरचना चुनावी रणनीति तय करने में निर्णायक है। अनुसूचित जाति के मतदाता लगभग 30.46 प्रतिशत हैं, जबकि मुस्लिम मतदाता लगभग 9.1 प्रतिशत। राजनीतिक दलों के लिए यादव, राजपूत और मांझी समुदायों के वोट तय करने में अहम भूमिका निभाते हैं। यह सीट गया जिले के केंद्र से 20 किलोमीटर पूर्व और गया-नवादा जिले की सीमा के पास स्थित है, जिससे यह क्षेत्रीय राजनीति का एक महत्वपूर्ण केंद्र बन गया है।






















