बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनज़र राजनीतिक बहस और तेज होती जा रही है। राज्य में महागठबंधन के प्रमुख नेता तेजस्वी यादव द्वारा ‘हर घर में सरकारी नौकरी’ देने के वादे ने विपक्षी दलों को सक्रिय कर दिया है। लोक जनशक्ति पार्टी (रालोसपा) के प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी ने तेजस्वी यादव के इस बयान को सत्ता के लालच से प्रेरित बताते हुए कड़ा विरोध जताया। तिवारी ने कहा कि 15 साल में महागठबंधन ने रोजगार के क्षेत्र में क्या योगदान दिया, इस पर सवाल उठाना जरूरी है।
राजू तिवारी ने यह भी आरोप लगाया कि जब तेजस्वी के पिता रेल मंत्री थे, तब जनता को रोजगार देने की बजाय जमीन लेने जैसी विवादित गतिविधियाँ हुई थीं। उन्होंने कहा कि जनता ने महागठबंधन को पहले ही नकार दिया है और इस बार भी यह वादे केवल सत्ता पाने की लालसा को दर्शाते हैं। उनका कहना था कि ‘हर घर में नौकरी’ का वादा न केवल असंभव है, बल्कि इसका कोई ठोस मानक भी नहीं है।
वहीं भाजपा के वरिष्ठ नेता संजय जायसवाल ने भी तेजस्वी यादव के इस वादे पर व्यंग्य किया। उन्होंने कहा कि जब किसी पार्टी को सरकार बनाने की संभावना नहीं दिखती, तब ऐसे अतिरेकी वादे किए जाते हैं। जायसवाल ने तेजस्वी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि ऐसे बयान केवल उन नेताओं से निकल सकते हैं जिन्हें राजनीति का वास्तविक अनुभव नहीं है। उनका तर्क था कि महागठबंधन अब चुनाव में कमजोर स्थिति में है और इसलिए इस तरह के वादों का सहारा ले रहा है।






















