बिहार की राजनीति में वारसलीगंज विधानसभा सीट (Warsaliganj Vidhan Sabha 2025) ने समय के साथ कई ऐतिहासिक मोड़ देखे हैं। नवादा जिले की यह सीट कभी कांग्रेस की पहचान हुआ करती थी, लेकिन अब भाजपा ने यहां मजबूत पकड़ बना ली है। 1951 में स्थापित हुई यह सीट नवादा लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है और अब तक 17 विधानसभा चुनावों की गवाह रही है। कांग्रेस ने इस क्षेत्र पर शुरुआती दौर में सात बार जीत दर्ज कर वर्चस्व कायम किया था, लेकिन बदलते राजनीतिक समीकरणों ने इस गढ़ को धीरे-धीरे भाजपा के पाले में ला दिया।
चुनावी इतिहास
1950 और 1960 के दशक में वारसलीगंज कांग्रेस का अजेय किला माना जाता था। यहां स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े नेताओं और कांग्रेस की जड़ों ने जनता के बीच गहरी पैठ बनाई थी। सीपीआई ने भी इस क्षेत्र में तीन बार जीत हासिल कर अपनी मौजूदगी दर्ज कराई, खासतौर पर जब वामपंथी विचारधारा बिहार के ग्रामीण इलाकों में प्रभावी थी। निर्दलीय उम्मीदवारों ने दो बार और जनता पार्टी व जेडीयू ने एक-एक बार जीत दर्ज की। लेकिन असली राजनीतिक परिवर्तन 2015 में हुआ, जब भाजपा ने पहली बार इस सीट पर जीत दर्ज कर इतिहास बदल दिया।
2015 में भाजपा की उम्मीदवार अरुणा देवी ने जीत दर्ज की और पार्टी को वारसलीगंज में पैर जमाने का मौका मिला। इसके बाद 2020 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने दोबारा जीतकर साबित कर दिया कि भाजपा की जड़ें अब यहां मजबूत हो चुकी हैं। 2020 में अरुणा देवी को कुल 62,451 वोट मिले, जबकि कांग्रेस के प्रत्याशी सतीश कुमार 53,421 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे। निर्दलीय उम्मीदवार आरती सिन्हा तीसरे स्थान पर थीं। यह जीत केवल भाजपा के संगठन की नहीं थी, बल्कि अरुणा देवी की व्यक्तिगत लोकप्रियता और महिला नेतृत्व के बढ़ते प्रभाव का भी प्रमाण थी।
जातीय समीकरण
वारसलीगंज का राजनीतिक समीकरण पूरी तरह जातीय और सामाजिक ताने-बाने से जुड़ा हुआ है। यादव, भूमिहार, कुर्मी, मुस्लिम, रविदास और पासवान समुदायों की यहां निर्णायक भूमिका रही है। अनुसूचित जाति के मतदाता करीब 22.23% हैं, जबकि मुस्लिम मतदाता 9.3% हैं। यादव और भूमिहार वर्ग भी बड़ी संख्या में मौजूद हैं, जो हर चुनाव में सत्ता की दिशा तय करते हैं। भाजपा की रणनीति रही है कि इन सभी समुदायों के बीच संतुलन बनाकर एक “सर्वसमावेशी वोट बैंक” तैयार किया जाए, जबकि कांग्रेस पारंपरिक वोटरों को फिर से अपने पक्ष में लाने की जद्दोजहद में है।






















