Bihar Congress Targets NDA: दिल्ली में अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी की प्रेस वार्ता के दौरान महिला पत्रकारों को प्रवेश न देने के फैसले ने सियासी बवंडर खड़ा कर दिया है। इस घटना को लेकर कांग्रेस ने केंद्र की एनडीए सरकार पर तीखा हमला बोला है और इसे “भारतीय लोकतंत्र और संस्कृति पर सीधा प्रहार” बताया है।
शनिवार को पटना स्थित कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम में आयोजित प्रेस वार्ता में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम ने कहा कि महिला पत्रकारों को बाहर रखना न केवल मीडिया स्वतंत्रता का अपमान है, बल्कि यह देश की नारी शक्ति के सम्मान पर भी गहरा आघात है। उन्होंने कहा कि “आज जब महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं, ऐसे समय में प्रेस वार्ता से उन्हें रोकना भाजपा की उस मानसिकता को दर्शाता है, जो तालिबानी सोच से प्रेरित लगती है।”
भाजपा की टिकट सूची लगभग फाइनल, 8 घंटे की मैराथन बैठक में तय हुए नाम.. 80% पुराने चेहरों को फिर मौका
राजेश राम ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की यह चुप्पी दर्शाती है कि सरकार इस ‘तालिबानी प्रवृत्ति’ को मौन समर्थन दे रही है। उन्होंने सवाल किया कि क्या भारत अब तालिबान जैसी नीतियों को सम्मान देने की राह पर चल पड़ा है? उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को तत्काल इस मुद्दे पर अपना आधिकारिक विरोध दर्ज कराना चाहिए था, लेकिन ऐसा न करके उसने महिला स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की आज़ादी का अपमान किया है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे कहा कि “यह घटना मनुस्मृति के उसी सोच की झलक है, जहां महिलाओं को द्वितीय दर्जे का स्थान दिया गया था। भारतीय जनता पार्टी उसी विचारधारा को आधुनिक भारत में स्थापित करना चाहती है, जो खतरनाक है।”
उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, लोजपा (रामविलास) प्रमुख चिराग पासवान, और हम प्रमुख जीतनराम मांझी की चुप्पी पर भी सवाल उठाया। राजेश राम ने कहा कि “जो नेता महिला सशक्तिकरण की बात करते हैं, वे इस अपमानजनक घटना पर मौन क्यों हैं? क्या सत्ता की राजनीति ने उनके शब्दों को कुंद कर दिया है?”






















