बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Election 2025 Ghosi Seat) का माहौल गरमा चुका है। नामांकन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, लेकिन महागठबंधन अब भी सीटों के बंटवारे और उम्मीदवारों की घोषणा को लेकर संशय में है। इसी बीच महागठबंधन के अंदर पहली बड़ी दरार दिखने लगी है। दरअसल, वामदलों में सबसे प्रभावशाली भाकपा (माले) ने घोसी सीट से अपने प्रत्याशी रामबली सिंह को मैदान में उतारने का ऐलान कर दिया है। पार्टी के राज्य सचिव कुणाल ने उन्हें अधिकृत सिंबल भी सौंप दिया है। माले के नेता कुणाल ने बयान दिया है कि पार्टी ने अपने संगठनात्मक निर्णय के तहत घोसी से रामबली सिंह को टिकट दिया है और 16 अक्टूबर को उनका नामांकन होना तय है।
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माले के इस कदम से महागठबंधन के भीतर सीट तालमेल को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। सूत्रों के मुताबिक, RJD और CPI-ML के बीच घोसी सीट को लेकर रस्साकशी चल रही थी। तेजस्वी यादव की पार्टी RJD चाहती थी कि इस सीट से उनके नए साथी और पूर्व विधायक राहुल शर्मा को टिकट दिया जाए। लेकिन माले ने पहले ही अपनी सीटिंग सीट से उम्मीदवार घोषित कर महागठबंधन की रणनीति पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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घोसी विधानसभा सीट पारंपरिक रूप से माले का मजबूत गढ़ मानी जाती रही है। पिछली बार माले ने इस सीट से बढ़त हासिल की थी, और संगठन के स्तर पर यहाँ पार्टी की पकड़ भी मज़बूत है। यही वजह है कि माले इस सीट को किसी भी हालत में छोड़ने को तैयार नहीं है। दूसरी ओर, राजद इस सीट को अपने विस्तार की रणनीति का हिस्सा मान रही है। तेजस्वी यादव की कोशिश है कि माले और कांग्रेस के प्रभाव वाले इलाकों में भी पार्टी अपना जनाधार बढ़ाए।






















