Jay Kumar Singh Resigns from JDU: बिहार की राजनीति में आज एक बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम देखने को मिला। जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री जय कुमार सिंह ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। अपने इस्तीफे में जय कुमार सिंह ने पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि टिकट बेचने की राजनीति और नीतीश कुमार की अस्वस्थता का फायदा उठाते हुए कुछ नेता उनकी साख को कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं। उनके अनुसार, चुनाव से पहले गहरी साजिश रची जा रही है और पार्टी ऐसे नेताओं को जानबूझकर दूर कर रही है जो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी हैं।
जय कुमार सिंह ने यह भी कहा कि शाहाबाद में एनडीए की धाराशाही मजबूत हो जाएगी, लेकिन पार्टी अब सवर्ण समुदाय से दूरी बना रही है। उनके इस बयान से संकेत मिलता है कि जदयू के भीतर आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर असंतोष और आंतरिक विवाद बढ़ रहे हैं।
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जय कुमार सिंह राजपूत समुदाय से आते हैं और इस वर्ग में उनकी पकड़ काफी मजबूत मानी जाती है। उनका राजनीतिक सफर 2005 में जदयू से जुड़ने के बाद शुरू हुआ और उन्होंने दिनारा विधानसभा क्षेत्र से लगातार तीन बार विधायक चुने गए। 2005, 2010 और 2015 में वह लगातार जीत हासिल कर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में शामिल हो गए थे। 2020 के चुनाव में उनका पराजय और 2025 के लिए टिकट न मिलने के बाद नाराज होकर उन्होंने इस्तीफा दिया।
नीतीश कुमार सरकार में जय कुमार सिंह कई महत्वपूर्ण विभागों के मंत्री रहे हैं और उनके इस्तीफे से जदयू के रणनीतिक समीकरणों पर असर पड़ने की संभावना जताई जा रही है। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि जय कुमार सिंह का कदम एनडीए के अंदर संभावित मतभेदों को उजागर करता है और इससे बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के सियासी समीकरण और जटिल हो सकते हैं।






















