Prashant Kishor Jan Suraaj Candidate List: बिहार की सियासत में प्रशांत किशोर ने एक बार फिर बड़ा दांव चल दिया है। जनसुराज की दूसरी लिस्ट जारी करते हुए PK ने साफ कर दिया है कि उनका मिशन केवल ‘नई राजनीति’ का नारा नहीं बल्कि जातीय समीकरण की सटीक समझ भी है। सोमवार को जारी हुई दूसरी लिस्ट में 65 उम्मीदवारों के नाम हैं, जिनमें 17 दलबदलू, 14 मुस्लिम और 24 पिछड़ी जातियों के कैंडिडेट शामिल हैं। पहली लिस्ट के 51 उम्मीदवारों के साथ मिलाकर अब तक जनसुराज ने 116 प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है।
इन नामों में बक्सर के चार बार के सांसद रहे लालमुनि चौबे के बेटे हेमंत चौबे, जेडीयू के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री दसई चौधरी, कांग्रेस के पूर्व विधायक सत्येंद्र हाजरा और माले के पूर्व एरिया कमांडर सत्येंद्र सहनी जैसे चेहरे शामिल हैं। यानी PK की लिस्ट में पुराने राजनीतिक अनुभव और नए समीकरण का अनोखा मेल दिख रहा है।
दल-बदलुओं पर जनसुराज का भरोसा
पहली लिस्ट में जहां प्रशांत किशोर ने नए और साफ छवि वाले चेहरों को उतारा था, वहीं दूसरी लिस्ट में उन्होंने अनुभव और पहचान को प्राथमिकता दी है। इस लिस्ट के 17 उम्मीदवार पहले बीजेपी, राजद या माले से जुड़ चुके हैं। PK का मानना है कि इन दलबदलुओं के पास जमीनी नेटवर्क और वोटर कनेक्शन मजबूत है, जो जनसुराज के मिशन को रफ्तार दे सकता है।
क्रिमिनल रिकॉर्ड वाला भी उम्मीदवार
65 उम्मीदवारों की इस सूची में मोतिहारी के केसरिया सीट से नाज अहमद का नाम भी चर्चा में है, जिन पर हत्या की कोशिश का आरोप लग चुका है और वे जेल भी जा चुके हैं। हालांकि जनसुराज ने ऐसे चेहरे को टिकट देकर यह संकेत दिया है कि वह सिर्फ “क्लीन इमेज” वाले उम्मीदवारों तक सीमित नहीं रहना चाहता, बल्कि “लोकल प्रभाव” को भी तवज्जो दे रहा है।
जातीय संतुलन साधने की रणनीति
दूसरी लिस्ट में प्रशांत किशोर ने OBC और EBC पर विशेष ध्यान दिया है। कुल 65 उम्मीदवारों में से 24 पिछड़े वर्ग से आते हैं, जिनमें 14 EBC और 10 OBC हैं। यानी लगभग 37% टिकट इन्हें मिले हैं। वहीं, 14 मुस्लिम कैंडिडेट यानी 21% को टिकट देकर PK ने मुस्लिम वोट बैंक को साधने की भी कोशिश की है। 11 सवर्ण और 1 एसटी उम्मीदवार भी लिस्ट में हैं।
अगर दोनों लिस्ट को जोड़ दें तो जनसुराज ने अब तक 52 उम्मीदवार पिछड़े और अति पिछड़े वर्ग से उतारे हैं यानी कुल उम्मीदवारों का लगभग 45%। यह अनुपात सीधे तौर पर नीतीश कुमार के परंपरागत वोट बैंक पर निशाना साधता है, क्योंकि राज्य में OBC और EBC की आबादी लगभग 63% है।
मुस्लिम समीकरण पर भी फोकस
PK की रणनीति का दूसरा बड़ा फोकस मुस्लिम समुदाय है। पहली और दूसरी लिस्ट मिलाकर जनसुराज ने 21 मुस्लिम कैंडिडेट उतारे हैं, जो कुल लिस्ट का लगभग 18% है। राज्य की मुस्लिम आबादी लगभग 19% है और पारंपरिक रूप से यह वोट बैंक महागठबंधन के साथ रहा है।
PK के उम्मीदवारों की औसत उम्र 51 साल है, जिसमें सबसे बुजुर्ग 74 वर्षीय अभयकांत झा और सबसे युवा 27 वर्षीय रोहित पासवान हैं। कुल उम्मीदवारों में 9 डॉक्टर, 4 इंजीनियर और 7 वकील शामिल हैं।






















