एनडीए (NDA) में सीट बंटवारे के बाद भी विवाद खत्म होता नहीं दिख रहा। वैशाली जिले की महनार विधानसभा सीट (Mahnar Seat) पर अब सियासी जंग और गहराती जा रही है। जहां लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) प्रमुख चिराग पासवान अपने करीबी बाहुबली नेता रामा सिंह के लिए इस सीट की मांग पर अड़े रहे, वहीं जदयू (JDU) ने चिराग की इस मांग को सिरे से दरकिनार करते हुए बड़ा राजनीतिक संदेश दे दिया है।
आज महनार से जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने नामांकन दाखिल कर दिया है। नामांकन के इस कदम ने न केवल सीट को लेकर जारी सस्पेंस खत्म किया, बल्कि यह भी स्पष्ट कर दिया कि महनार पर पार्टी नेतृत्व ने चिराग की शर्तों को दरकिनार कर अपनी रणनीति के तहत फैसला लिया है।

एनडीए के सीट शेयरिंग फार्मूले के तहत महनार सीट जदयू के खाते में गई है, और इस सीट से पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष खुद मैदान में हैं। नामांकन के बाद उमेश कुशवाहा ने आत्मविश्वास से कहा कि महनार में उनकी जीत सुनिश्चित है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि जदयू ने यह कदम सोच-समझकर उठाया है, ताकि चिराग पासवान को यह संदेश दिया जा सके कि गठबंधन के भीतर दबाव की राजनीति नहीं चलेगी।
महनार सीट का राजनीतिक और जातीय समीकरण भी जदयू के पक्ष में बताया जा रहा है। उमेश कुशवाहा इसी क्षेत्र के रहने वाले हैं और इस इलाके में उनकी मजबूत पकड़ मानी जाती है। वहीं रामा सिंह की दावेदारी चिराग के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गई थी, लेकिन जदयू के इस फैसले से स्पष्ट संकेत है कि पार्टी अपने संगठन की पकड़ और नेतृत्व की प्राथमिकताओं को ज्यादा तरजीह दे रही है।






















