बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Election 2025) में जैसे-जैसे नामांकन की प्रक्रिया आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे प्रत्याशियों की संपत्ति और आपराधिक मामलों के खुलासे से राजनीतिक तापमान और बढ़ता जा रहा है। इस बार भी कई उम्मीदवार ऐसे सामने आए हैं जिनकी संपत्ति करोड़ों में है, तो कई ऐसे भी हैं जिनकी पत्नी या परिवार उनसे कहीं अधिक संपन्न हैं। यह तस्वीर न केवल राजनीति के बदलते स्वरूप को दर्शाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि अब चुनावी राजनीति ‘जनसेवा’ से कहीं अधिक ‘धन-बल’ के प्रदर्शन का मंच बन चुकी है।
पटना की मेयर सीता साहू के पुत्र और इस बार के सबसे अमीर प्रत्याशी शिशिर कुमार के पास 23.36 करोड़ रुपये की संपत्ति है। यह आंकड़ा बताता है कि शहरी राजनीति में भी अब पूंजी का वर्चस्व बढ़ा है। वहीं, दानापुर के आरजेडी विधायक रीतलाल यादव की संपत्ति ₹13.22 करोड़ तक पहुंच गई है, जो पांच साल में ₹1.11 करोड़ की वृद्धि दर्शाती है। उनके खिलाफ एक दर्जन से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिससे यह साफ है कि बिहार की सियासत में ‘धन’ और ‘दबदबे’ का गठजोड़ अभी भी गहराई से मौजूद है।
उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने तारापुर सीट से नामांकन किया है। उनके पास ₹11.31 करोड़ की संपत्ति है और उन पर सिर्फ दो मामले दर्ज हैं, वो भी आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के। सम्राट ने अपनी शैक्षणिक योग्यता में खुद को “डॉक्टर ऑफ लिटरेचर” बताया है, जो पीएफसी कामराज यूनिवर्सिटी से प्राप्त डिग्री है।
जमालपुर से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रहे पूर्व आईपीएस शिवदीप लांडे भले ही लखपति हैं, लेकिन उनकी पत्नी ममता लांडे करोड़पति हैं। ममता लांडे के पास ₹6.68 करोड़ की चल संपत्ति और ₹13.36 करोड़ की अचल संपत्ति है। यह उदाहरण बिहार की राजनीति में महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण का एक अलग ही आयाम दिखाता है।
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उजियारपुर से राजद प्रत्याशी आलोक कुमार मेहता की संपत्ति ₹72.37 लाख है, जबकि उनकी पत्नी सीमा प्रसाद की संपत्ति ₹97.11 लाख रुपये की है। तेजप्रताप यादव की बात करें तो उनका नाम इस बार फिर सुर्खियों में है—न केवल अपनी संपत्ति बल्कि अपने लग्जरी शौकों के कारण भी। जनशक्ति जनता दल के उम्मीदवार तेजप्रताप के पास बीएमडब्ल्यू और स्कोडा जैसी कारें हैं, उनकी कुल संपत्ति लगभग ₹3.79 करोड़ की है, जबकि उन पर 22 आपराधिक मामले दर्ज हैं।
दिलचस्प यह भी है कि कई नेताओं की पत्नियां खुद उनसे ज्यादा संपन्न हैं। भाजपा के रामकृपाल यादव की पत्नी की संपत्ति ₹1.55 करोड़ है, जबकि स्वयं रामकृपाल के पास ₹1.52 करोड़ की संपत्ति है। इसी तरह, भाजपा के नितिन नवीन और राजद के अवध बिहारी चौधरी की संपत्ति में भी मामूली वृद्धि दर्ज की गई है।
सीवान सदर से आरजेडी प्रत्याशी अवध बिहारी चौधरी की कुल संपत्ति ₹2.73 करोड़ बताई गई है, जिसमें ₹1.80 करोड़ की अचल और ₹93 लाख की चल संपत्ति शामिल है। उनके पास ₹19.68 लाख की स्कॉर्पियो कार और बैंकों में लाखों रुपये जमा हैं। राजद प्रत्याशी ओसामा शहाब की संपत्ति लाखों में है, लेकिन उनके खिलाफ पांच आपराधिक मामले भी दर्ज हैं।






















