बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राजद (RJD) के बाहुबली विधायक रीतलाल यादव ने पटना हाईकोर्ट में एक विशेष याचिका दायर करते हुए चार सप्ताह की अस्थायी रिहाई (फरलो) की मांग की है। उन्होंने कहा है कि उन्हें अपने विधानसभा क्षेत्र में प्रचार-प्रसार के लिए बाहर आने की अनुमति दी जाए ताकि वे चुनाव में सक्रिय रूप से हिस्सा ले सकें।
पटना हाईकोर्ट की जस्टिस अरुण कुमार झा की एकल पीठ ने शुक्रवार को इस याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार स्पष्ट करे कि रीतलाल यादव की इस मांग पर उसकी क्या स्थिति है और क्या चुनावी प्रचार के लिए सीमित अवधि की रिहाई दी जा सकती है।
रीतलाल यादव इस समय एक आपराधिक मामले में जेल में बंद हैं। उन्होंने अदालत में आपराधिक रिट याचिका दायर की है जिसमें उन्होंने कहा है कि यह एक विशेष परिस्थिति है, इसलिए उन्हें निर्धारित अवधि के लिए अस्थायी तौर पर जेल से छोड़ा जाए।
याचिकाकर्ता के वरिष्ठ अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा ने कोर्ट में दलील दी कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में चुनाव प्रचार प्रत्येक उम्मीदवार का मौलिक अधिकार है। उन्होंने कहा कि “रीतलाल यादव वर्तमान में निर्वाचित विधायक हैं, इसलिए उन्हें जनता से सीधे संपर्क कर अपनी बात रखने का अवसर मिलना चाहिए।”
वर्मा ने अपने तर्क में कई महत्वपूर्ण अदालती निर्णयों का हवाला दिया, जिनमें हाल ही में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को चुनाव प्रचार के दौरान अस्थायी राहत मिलने के मामले का भी उल्लेख किया गया। उन्होंने कहा कि अदालत चाहे तो इस याचिका को “इंटरिम बेल” या “फरलो रिलीज़” के रूप में भी विचार कर सकती है।
राजद खेमे में रीतलाल यादव का यह कदम राजनीतिक रूप से अहम माना जा रहा है। वे दानापुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं और अपने क्षेत्र में मजबूत जनाधार रखते हैं। ऐसे में अगर उन्हें चुनाव प्रचार का मौका नहीं मिलता, तो यह न सिर्फ उनके लिए, बल्कि राजद के लिए भी नुकसानदेह साबित हो सकता है।






















