बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Election 2025) के पहले चरण की नामांकन प्रक्रिया पूरी होते ही महागठबंधन (Mahagathbandhan) के भीतर सीट बंटवारे की खींचतान ने सियासी तापमान बढ़ा दिया है। गठबंधन में शामिल छह दलों के बीच अभी तक सीट शेयरिंग पर अंतिम सहमति नहीं बन पाई है, जिससे उम्मीदवारों की घोषणा में देरी हो रही है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने कहा कि तेजस्वी यादव फिलहाल सीट शेयरिंग पर निर्णय नहीं ले पा रहे हैं, क्योंकि कई सीटों पर “क्रॉस डिमांड” की स्थिति बनी हुई है। राजेश राम ने कहा कि सभी दलों की अपनी-अपनी प्राथमिकताएं और दावेदारी हैं, लेकिन जल्द ही स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। उन्होंने दावा किया कि अगले कुछ घंटों में महागठबंधन की तस्वीर साफ हो जाएगी।
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कुटुंबा विधानसभा सीट को लेकर मचे सियासी घमासान पर भी राजेश राम ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि “चुनाव में फ्रेंडली फाइट नहीं होगी, महागठबंधन में सीधी लड़ाई होती है।” राजेश राम खुद कुटुंबा सीट से दो बार विधायक रह चुके हैं, जबकि इस बार चर्चा है कि राजद (RJD) ने इसी सीट से सुरेश पासवान को उम्मीदवार बनाया है। इस पर राजेश राम ने कहा कि अंतिम फैसला तेजस्वी यादव के हाथ में है और कांग्रेस सहित पूरा इंडिया गठबंधन उनके नेतृत्व में एकजुट है।
पहले चरण की 121 सीटों पर नामांकन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और अब 6 नवंबर को मतदान होना है। हालांकि, महागठबंधन में उम्मीदवारों की घोषणाओं को लेकर असमंजस बना हुआ है। अभी तक राजद ने एक भी उम्मीदवार की लिस्ट जारी नहीं की है, जबकि कांग्रेस ने 48 और CPI(ML) ने 20 उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। दिलचस्प बात यह है कि अब तक 10 सीटों पर महागठबंधन के घटक दल एक-दूसरे के खिलाफ उम्मीदवार उतार चुके हैं, जिससे यह गठबंधन एकजुटता के बजाय संगठनात्मक उलझन में फंसा दिख रहा है।






















