बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Election 2025) से पहले महागठबंधन (Mahagathbandhan) के भीतर खींचतान और असंतोष के स्वर तेज होते दिख रहे हैं। सीट बंटवारे को लेकर चल रही रस्साकशी के बीच पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने बड़ा बयान देकर सियासी हलचल बढ़ा दी है। पप्पू यादव ने कहा है कि कांग्रेस गठबंधन धर्म निभा रही है, लेकिन कुछ “बड़ी ताकतें” हैं जो महागठबंधन को तोड़ने में लगी हुई हैं।
पप्पू यादव ने स्पष्ट कहा कि कांग्रेस अभी तक गठबंधन से अलग नहीं हुई है और ‘फ्रेंडली फाइट’ जैसी स्थिति भी फिलहाल नहीं बनी है। उन्होंने कहा, “कांग्रेस अपना गठबंधन तोड़ नहीं रही है, वह निभाती है। कल के बाद सब कुछ सामने आ जाएगा। मुझे ऐसा लगता है कि हमारे गठबंधन को तोड़ने में कोई बड़ी ताकत लगी हुई है। क्या बिना कांग्रेस के सरकार बन जाएगी या मुख्यमंत्री बन जाएगा?” उनके इस बयान ने साफ संकेत दे दिया है कि महागठबंधन के भीतर तालमेल की डोर कमजोर पड़ रही है।
इस बीच झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने बिहार विधानसभा चुनाव में 6 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है, जिसने गठबंधन के भीतर नए सवाल खड़े कर दिए हैं। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए पप्पू यादव ने कहा, “JMM के साथ 3 से 4 सीटों पर समझौता होना चाहिए था। मैं लालू यादव से कहूंगा कि यह आदत और परंपरा छोड़िए। JMM को गठबंधन में रखें और दूसरे दलों से कुछ सीखें।”
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पप्पू यादव के इस बयान से साफ झलकता है कि वह गठबंधन में अनुशासन और पारदर्शिता की कमी से नाराज हैं। उन्होंने कहा कि हमारे नेता गठबंधन धर्म को मजबूत करना चाहते हैं, लेकिन अगर कोई नेता पर हमला करेगा, तो उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उनका यह बयान सीधे तौर पर राजद (RJD) की अंदरूनी कार्यशैली और निर्णय प्रक्रिया पर सवाल उठाता दिख रहा है।
वहीं, राजद नेता मृत्युंजय तिवारी ने स्थिति को संभालने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि गठबंधन की राजनीति में इस तरह की परिस्थितियां नई नहीं हैं। “राजद सिर्फ बिहार में चुनाव लड़ती है। हम मध्य प्रदेश, राजस्थान या कर्नाटक में कांग्रेस से सीटें नहीं मांगते। इसलिए यह समझना चाहिए कि हर राज्य की अपनी राजनीतिक परिस्थिति होती है।”
मृत्युंजय तिवारी ने उम्मीद जताई कि महागठबंधन के सभी दल मिल बैठकर जल्द ही इस विवाद को सुलझा लेंगे। उन्होंने कहा कि कुछ सीटों पर ‘फ्रेंडली फाइट’ की स्थिति आई है, लेकिन यह बड़ी समस्या नहीं है। “हमें भरोसा है कि सब ठीक हो जाएगा और महागठबंधन पहले की तरह एकजुट होकर चुनाव लड़ेगा।”






















