बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच लागू आदर्श आचार संहिता (मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट) का कड़ाई से पालन हो रहा है। इसी कड़ी में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) से निष्कासित पूर्व नेता और जनशक्ति जनता दल (राष्ट्रीय) के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेज प्रताप यादव एक बार फिर विवादों के केंद्र में आ गए हैं। वैशाली जिले के महुआ विधानसभा क्षेत्र से नामांकन दाखिल करने के दौरान उन पर गंभीर आरोप लगे हैं, जिसके बाद महुआ थाने में उनके खिलाफ प्राथमिकी (FIR) दर्ज कर ली गई है।
16 अक्टूबर 2025 को महुआ विधानसभा सीट से नामांकन पत्र दाखिल करने के दौरान तेज प्रताप यादव की रैली में एक प्राइवेट वाहन का इस्तेमाल किया गया। इस वाहन पर पुलिस का स्टीकर, सायरन और लाइट लगी हुई थी, जो चुनाव आयोग की गाइडलाइंस के अनुसार स्पष्ट रूप से आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है। उम्मीदवारों को चुनावी रैली या प्रचार के लिए सरकारी या पुलिस वाहनों का उपयोग करने की अनुमति नहीं है।
नामांकन रैली का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिसमें तेज प्रताप की पार्टी का झंडा थामे व्यक्ति के साथ पुलिस स्कॉर्ट वाली गाड़ी नजर आ रही थी। वीडियो के आधार पर स्थानीय चुनाव निगरानी टीम ने तत्काल संज्ञान लिया। वैशाली के पुलिस अधीक्षक ललित मोहन शर्मा ने जानकारी दी कि वायरल वीडियो के आधार पर महुआ अंचल अधिकारी द्वारा महुआ थाना में लिखित आवेदन दिया गया, जिसके बाद तेज प्रताप यादव के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई है। यह मामला महुआ थाना कांड संख्या 1025/25 के तहत दर्ज हुआ है, जिसमें धारा 319(2)/223/176 बीएनएस के अंतर्गत कार्रवाई की गई है। एसपी शर्मा ने बताया, “बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता के पालन को लेकर वैशाली पुलिस सतर्क है और सोशल मीडिया पर भी निगरानी रखी जा रही है। कानून का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।”






















