बिहार की राजनीति (Bihar Politics) में सीट बंटवारे को लेकर उठे विवादों ने महागठबंधन के भीतर दरारों को और गहरा कर दिया है। महागठबंधन के भीतर की खींचतान एक बार फिर सुर्खियों में है। खासकर झारखंड में राजद और जेएमएम के बीच बढ़ते मतभेद अब खुलकर सामने आने लगे हैं। इसी बीच बिहार भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने महागठबंधन पर तीखा हमला बोलते हुए कहा है कि बिहार की जनता अब इस गठबंधन को “महा-लठबंधन” के नाम से जान रही है। जायसवाल ने दावा किया कि जिस तरह सीटों का बंटवारा और उम्मीदवारों का चयन हुआ है, उसने मतदाताओं को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि जो दल सीटों का बंटवारा ईमानदारी से नहीं कर सकते, वे सरकार चलाने के लायक नहीं हैं।
दिलीप जायसवाल ने कहा कि “महागठबंधन के नेताओं का चाल, चरित्र और चेहरा सबके सामने आ चुका है। मतदाता समझ चुके हैं कि इस गठबंधन के पीछे सत्ता की लालसा और व्यक्तिगत स्वार्थ ही मुख्य कारण है। आज ये गठबंधन दल ‘मैत्रीपूर्ण प्रतियोगिता’ की बात कर रहे हैं, लेकिन जनता जानती है कि यह दरअसल अंदरूनी कलह और अविश्वास का नतीजा है।”
जदयू नेता राजीव रंजन प्रसाद ने भी इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “राजद की झारखंड में कोई राजनीतिक हैसियत नहीं थी, फिर भी झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने उन्हें गठबंधन में जगह दी। उस समय राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के बीच बैठक तक नहीं हो सकी थी, क्योंकि सीट शेयरिंग पर विवाद था। आज JMM को जिस तरह अपमानित किया गया है, वह अब इसका जवाब देने की तैयारी में है।”
राजीव रंजन प्रसाद के बयान के बाद यह अटकलें तेज हो गई हैं कि झारखंड में JMM जल्द ही राजद को गठबंधन से बाहर करने का निर्णय ले सकती है। राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि बिहार और झारखंड दोनों में महागठबंधन की कमजोर होती एकजुटता एनडीए को मजबूत राजनीतिक बढ़त दिला सकती है।






















