बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Chunav 2025) के दूसरे चरण में नाम वापसी की प्रक्रिया गुरुवार को पूरी हो गई। राज्य के 20 जिलों की 122 विधानसभा सीटों के लिए नाम वापसी की अंतिम तिथि समाप्त होते ही चुनावी समीकरणों में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी के दफ्तर से मिली जानकारी के मुताबिक, अंतिम दिन कुल 70 उम्मीदवारों ने अपना नाम वापस ले लिया, जिसके बाद अब 1302 प्रत्याशी चुनावी मैदान में रह गए हैं।
चुनाव आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, इस चरण में कुल 1761 नामांकन पत्र दाखिल किए गए थे, जिनमें से 1372 को स्वीकृति मिली, जबकि 389 नामांकन रद्द कर दिए गए। नामांकन प्रक्रिया और नाम वापसी के बाद अब मुकाबला और भी दिलचस्प हो गया है।
नाम वापसी करने वालों में कई चर्चित नाम भी शामिल हैं। भाजपा के पूर्व विधायक प्रकाश राय (चनपटिया) और नरकटियागंज की विधायक रश्मि वर्मा ने अपने नाम वापस ले लिए हैं। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि भाजपा ने बागियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी थी, जिसके चलते इन दोनों नेताओं ने पीछे हटना ही बेहतर समझा।
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दूसरी ओर, कांग्रेस और वीआईपी पार्टी के भी कुछ उम्मीदवारों ने नाम वापसी का फैसला किया है। कांग्रेस के सतीश कुमार ऊर्फ मंटन सिंह ने वारसलीगंज और प्राणपुर विधानसभा क्षेत्र से नाम वापस लिया, जबकि वीआईपी के बिंदू गुलाब यादव ने बाबूबरही सीट से पर्चा वापस ले लिया। इन फैसलों ने गठबंधन के भीतर सीट प्रबंधन और आंतरिक सामंजस्य को लेकर नए सवाल खड़े कर दिए हैं।
अब दूसरे चरण की लड़ाई में 1302 उम्मीदवारों के बीच सीधी और त्रिकोणीय टक्करें देखने को मिलेंगी। 11 नवंबर को होने वाले मतदान में कई सीटों पर जातीय समीकरण और बागी प्रत्याशियों की भूमिका परिणाम तय करने में अहम साबित हो सकती है। भाजपा और महागठबंधन दोनों ही खेमों में रणनीति को अंतिम रूप देने की कवायद तेज हो गई है।






















