बिहार के राजनीति में बुधवार को वह हुआ जिसकी उम्मीद बाकी लोगों को तो थी लेकिन वीआईपी पार्टी चीफ मुकेश सहनी को बिल्कुल भी नहीं। तीन विधयोकों ने पाला बदल विधानसभा से पूरी विकाशशील इंसान पार्टी का ही पत्ता साफ़ कर दिया। उधर मुकेश सहनी की विधान परिषद सदस्यता भी खत्म होने वाली है, ऐसे में उनके मंत्री पद पर भी आफत है। यूं कहिये कि अब उनका मंत्री बने रहना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन भी है। दूसरी तरफ एनडीए की एक और सहयोगी जीतन राम मांझी की हम पार्टी ने भी मुकेश सहनी से किनारा कर लिया है और साफ़ कह दिया है कि बीजेपी और वीआईपी के झगड़े से एनडीए को कोई लेना देना नहीं है।
बीजेपी पर भड़ास
वहीं आज मुकेश सहनी ने जम कर बीजेपी पर भड़ास निकाला। आज प्रेस कांफ्रेंस के दौरान मुकेश सहनी ने कहा कि गरीब पिछडा के बेटा को लोग पीठ पर छुरा घोंपे या सिने में खंजर घोंपे जिसे जो घोंपना है वह घोंपे हम आख़री सांस तक लड़ाई लड़ते रहेंगे। जो भी डील हुआ वह माननीय गृह मंत्री को बोलना चाहिए था। डील क्या हुआ मुझे पता है। इस जगह मैं सार्वजनिक कर दूंगा तो देश के लिए अच्छा नही होगा। मुकेश सहनी ने खुद को चिराग पासवान की तरह सियासत का पीड़ित बताते हुए कहा कि मेरे साथ भी वही हुआ जो चिराग पासवान के साथ हुआ था।
संजय जायसवाल पर निशाना
वहीं संजय जायसवाल पर निशाना साधते हुए कलह कि वह न तीन में रहें और न तेरह में। डील का पता सिर्फ मेरे पास है और अमित शाह को है अगर इस जगह मैं सार्वजनिक कर दूंगा तो देश के लिए अच्छा नही होगा। सहनी ने कहा कि संजय जायसवाल को तो कमरे के बाहर भी खड़े होने का सौभाग्य नहीं मिला। मैं सड़क पर का आदमी हूं और मुम्बई में संघर्ष कर के अपनी जगह बनायी फिर मैं बिहार आया और यहां भी संघर्ष किया। वीआईपी पार्टी चीफ ने कहा मैं 18 साल की उम्र से परिश्रम, मेहनत और संघर्ष कर रहा हूं।
अपनों के लिए करूँगा काम
मुंबई मैंने दिन रात मेहनत मजदूरी की और जब बिहार में लौटा तो देखा हमारे लोग काफी गरीब हैं। उसके बाद मैंने प्रण लिया कि मैं अब अपनों के लिए काम करूँगा और कर रहा हूं। बोचहां सीट को लेकर सहनी का एक बार दर्द फिर से बाहर आ गया उन्होंने कहा कि बोचहां में हमारा उम्मीदवार होना था हमलोग इसकी तैयारी पहले से ही कर रहे थें लेकिन बीजेपी ने बिना बताए अपना उम्मीदवार उतार दिया।