बिहार की राजनीति इन दिनों बयानबाज़ी और तीखे वार-पलटवार के दौर से गुजर रही है। इसी कड़ी में पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने मंगलवार को मगही भाषा में तेजस्वी यादव पर करारा प्रहार किया। मांझी ने कहा, “हम मगही हैं मगर के रहने वाले हैं। मगरी में कहा जाता है बापे पुत तो परापे घोड़ा नहीं। थोड़ा-थोड़ा उनके माता-पिता के जंगल राज और आतंक राज की झलक अब भी बिहार के लोग याद रखते हैं। उस दौर में विकास का नाम तक नहीं था, लेकिन नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी की डबल इंजन सरकार ने बिहार को उस अंधकार से निकालकर सुधार की दिशा में आगे बढ़ाया है।”
मांझी ने तेजस्वी यादव के हालिया घोषणापत्र पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि यह महज दिखावा है और इसमें कोई सच्चाई नहीं है। उन्होंने कहा, “तेजस्वी यादव 25 साल बाद कुछ कर सकते हैं, अभी नहीं। बिहार की जनता अब जागरूक है और उनके माता-पिता के शासन को भूलने वाली नहीं।”
उन्होंने जननायक कर्पूरी ठाकुर के नाम पर राजनीति करने वालों को भी आड़े हाथों लिया। मांझी ने कहा कि “जननायक सिर्फ कर्पूरी ठाकुर हैं। जो लोग दूसरा जननायक बताने की कोशिश कर रहे हैं, वे उनका अपमान कर रहे हैं।” कांग्रेस नेता राहुल गांधी की यात्रा पर भी मांझी ने तंज कसा और कहा, “फूटा कांच कभी जुड़ता नहीं है। टूटा हुआ कांच जोड़ने की कोशिश राहुल गांधी कर रहे हैं, जो संभव नहीं है।”
वहीं, AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के उस बयान पर भी मांझी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी जिसमें ओवैसी ने कहा था कि मुसलमानों को भाजपा को वोट नहीं देना चाहिए। मांझी ने पलटवार करते हुए कहा, “आप बताइए, नीतीश कुमार ने अल्पसंख्यकों के लिए क्या नहीं किया? कब्रिस्तान की व्यवस्था से लेकर थानों में अल्पसंख्यक पदाधिकारी की नियुक्ति, मदरसों का निर्माण—सब कुछ नीतीश सरकार ने किया है। ओवैसी का बयान पूरी तरह गलत है।”
जब मांझी से पूछा गया कि आखिर एनडीए का मुख्यमंत्री चेहरा कौन होगा, तो उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा, “कोई चाय मांगेगा तो हम बताएंगे कि हमें चाय पीनी है।” लेकिन बाद में उन्होंने साफ कहा कि, “मुख्यमंत्री तो नीतीश कुमार ही बनेंगे।”






















