बिहार विधानसभा चुनाव के बीच राजद (RJD) के गढ़ माने जाने वाले राघोपुर (Raghopur) विधानसभा क्षेत्र में एक ऐसा नज़ारा देखने को मिला जिसने सियासी हलचल बढ़ा दी है। जब पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी अपने बेटे और राजद नेता तेजस्वी यादव के समर्थन में प्रचार के लिए राघोपुर पहुंचीं, तो वहां की जनता ने उनके सामने ही अपने गुस्से और शिकायतों की झड़ी लगा दी।
राबड़ी देवी जैसे ही राघोपुर के पहाड़पुर पूर्वी पंचायत पहुंचीं, तो स्थानीय ग्रामीणों ने उनकी गाड़ी रोक ली। एक ग्रामीण ने कहा, “आप लोग राघोपुर को सौतेला मानते हैं, इसलिए यहां कोई विकास नहीं हुआ।” यह सुनकर राबड़ी देवी भी कुछ क्षण के लिए चुप रह गईं। वहीं, एक अन्य ग्रामीण ने कहा कि “तेजस्वी यादव अब हमारे बीच नहीं आते। बाढ़ के समय जब पूरा इलाका डूबा था, तब भी वे यहां झांकने नहीं आए।”

जनता की नाराज़गी यहीं खत्म नहीं हुई। एक युवक ने तंज भरे लहजे में कहा, “जब लोग बाढ़ में फंसे थे, तब तेजस्वी यादव स्टेज पर डांस कर रहे थे।” राबड़ी देवी ने इस नाराज़गी पर सफाई देते हुए कहा कि “तेजस्वी यादव पूरे बिहार की जनता के बीच घूम रहे हैं, राघोपुर हमारा घर है, हम सौतेला व्यवहार क्यों करेंगे?” लेकिन जनता ने पलटकर पूछा कि अगर राघोपुर घर है तो यहां की सड़कें अब भी टूटी क्यों हैं, विकास कार्य अधूरे क्यों पड़े हैं और बाढ़ से राहत के इंतज़ाम क्यों नहीं हुए?
राबड़ी देवी ने जनता को भरोसा दिलाया कि तेजस्वी यादव हर जिले में जाकर जनता की बात सुन रहे हैं और “राघोपुर के विकास के लिए विशेष योजना तैयार की जाएगी।” उन्होंने कहा कि “यह इलाका लालू परिवार का घर है, इसे हम कभी नहीं भूल सकते।”

हालांकि, जनता की शिकायतों से यह साफ़ दिखा कि राघोपुर की ज़मीन पर असंतोष की लहर है। जो इलाका कभी राजद की मज़बूत पकड़ में था, वहां अब विकास की कमी और जनसंपर्क की दूरी ने राजनीतिक समीकरणों को जटिल बना दिया है। राघोपुर वही सीट है, जहां से लालू प्रसाद यादव ने राजनीति की शुरुआत की और राबड़ी देवी मुख्यमंत्री बनीं। अब तीसरी बार तेजस्वी यादव इसी सीट से चुनाव मैदान में हैं, लेकिन इस बार जनता की चुप्पी और गुस्सा उनके लिए चेतावनी की तरह है।






















