करगहर विधानसभा से कांग्रेस विधायक और मौजूदा प्रत्याशी संतोष मिश्रा के आवास पर आधी रात हुई पुलिस छापामारी (Karghar Police Raid News) ने पूरे इलाके में हलचल मचा दी है। यह कार्रवाई सासाराम में हाल ही में हुई एक फायरिंग घटना के सिलसिले में की गई बताई जा रही है, लेकिन जिस तरह यह छापा बिना किसी पूर्व सूचना या वारंट के मारा गया, उसने पुलिस की कार्यशैली और राजनीतिक मंशा दोनों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
जानकारी के अनुसार, पुलिस तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर पटवाडीह गांव में छापामारी कर रही थी। इसी दौरान टीम विधायक संतोष मिश्रा के घर भी पहुंच गई। रात के अंधेरे में हुई इस कार्रवाई ने न सिर्फ स्थानीय लोगों को चौंका दिया बल्कि राजनीतिक तापमान भी बढ़ा दिया।
BJP सांसद अशोक कुमार यादव ने कहा- हम सबके लिए काम करते हैं, फिर भी मुसलमान वोट नहीं देते
विधायक की पत्नी ने इस कार्रवाई का कड़ा विरोध जताया है। उनका कहना है कि पुलिस ने घर के सभी हिस्सों की तलाशी ली, यहाँ तक कि बेडरूम में भी घुस गई। उन्होंने इसे उनकी निजता पर सीधा हमला बताया और सवाल उठाया कि बिना वारंट के किसी चुने हुए जनप्रतिनिधि के आवास में प्रवेश कैसे किया जा सकता है।
वहीं पुलिस का कहना है कि सासाराम फायरिंग मामले में मिले तकनीकी इनपुट्स के आधार पर छापेमारी की जा रही थी। पुलिस के मुताबिक, कुछ संदिग्धों के मोबाइल लोकेशन इसी क्षेत्र में ट्रेस हुए थे। हालांकि, अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि पुलिस को विधायक मिश्रा के घर से कोई ठोस साक्ष्य मिला या नहीं।
इस बीच, कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध की कार्रवाई बताया है। उनका आरोप है कि जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है, विपक्षी दल कांग्रेस के उम्मीदवारों को डराने-धमकाने की कोशिश कर रहा है। वहीं भाजपा और जदयू खेमे का कहना है कि पुलिस अपना काम कर रही है और इसमें राजनीति देखना गलत है।






















