[Team insider] विपक्ष के भारी विरोध के बीच झारखण्ड विधानसभा से गुरुवार को “राज्य सरकार के पदों पर आरक्षण के आधार पर प्रोन्नत सरकारी सेवकों की परिणामी वरीयता विधेयक 2022” पास हो गया। राज्यपाल की मंजूरी मिलते ही यह व्यवस्था लागू हो जाएगी। वहीं इस विधेयक के माध्पयम से परिणामी वरीयता के आधार पर आरक्षित श्रेणी के कर्मचारियों का सामान्य वर्ग के पदों पर प्रमोशन हो सकेगा। अभी स्वीकृत पदो की संख्या के मुकाबले ST का प्रतिनिधित्व 4.45 प्रतिशत और SC का 10.04 प्रतिशत है. यह उनकी जनसंख्या का क्रमश: 12 प्रतिशत और 26.2 प्रतिशत से कम है. इसलिए प्रो न्नति में आरक्षण को जारी रखने के लिए यह व्यवस्था की गई है।
प्रोन्नति पाने वाले परिणामी वरीयता के हकदार होंगे
बता दें कि 25 फरवरी 2022 को कैबिनेट आरक्षण के आधार पर सरकारी सेवकों की प्रोन्नति के लिए विधेयक 2022 को मंजूरी दी थी। इसके तहत अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति कोटे के सरकारी सेवक पदों में आरक्षण की नीति के अनुरूप प्रोन्नति पाने वाले परिणामी वरीयता के हकदार होंगे। पदोन्नत ग्रेड में वरीयता का निर्धारण कोटि को ध्यान में लाये बिना सेवा की अवधि के आधार पर ही किया जायेगा।
भाजपा विधायकों ने ओबीसी विरोधी सरकार होने का लगाया नारा
बता दें कि जब इस विधेयक को पास करने की प्रक्रिया चल रही थी, इस दौरान भाजपा विधायक वेल के पास आकर इसका विरोध कर रहे थे। विधेयक पास होने के बाद भाजपा विधायकों ने हेमंत सरकार पर ओबीसी विरोधी सरकार होने का नारा लगाया।