बिहार विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण के प्रचार के समापन से पहले सियासत गर्मा गई है। राजद सांसद मीसा भारती (Misa Bharti on VVPAT Scam) ने चुनाव आयोग और सत्ता पक्ष दोनों पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि “सत्ता पक्ष के पास जनता के सामने रखने के लिए कोई ठोस मुद्दा नहीं बचा है। हम महागठबंधन के एजेंडे पर जनता के बीच जा रहे हैं, जो रोजगार, पलायन और शिक्षा जैसे असली मुद्दों से जुड़ा है।”
मीसा भारती ने यह भी दावा किया कि बिहार की जनता इस बार बदलाव के मूड में है और “महागठबंधन को जनता का पूरा आशीर्वाद मिल रहा है। युवा तेजस्वी यादव से उम्मीदें बांधे हुए हैं, जिन्होंने पहले भी अपने वादे पूरे किए हैं और इस बार भी वे जनता को निराश नहीं करेंगे।”
इसी दौरान मीसा भारती ने VVPAT पर्चियों के मिलने के मुद्दे को लेकर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, “समस्तीपुर और दानापुर में जिस तरह से VVPAT की पर्चियां बाहर मिली हैं, उससे साफ है कि पूरी की पूरी दाल काली है। चुनाव आयोग दबाव में काम कर रहा है और ऐसे में निष्पक्ष चुनाव की उम्मीद करना मुश्किल हो गया है।” उन्होंने चुनाव आयोग से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप की मांग की।
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राजद सांसद ने आगे कहा कि “तेज प्रताप यादव की सुरक्षा का मुद्दा राजनीतिक नहीं है। अगर खतरा है तो सरकार ने सुरक्षा दी है, लेकिन असल मुद्दा तो बिहार की बेरोजगारी और पलायन है। सत्ता पक्ष इन वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहा है।”
इस बीच, कांग्रेस नेता अखिलेश प्रसाद सिंह ने भी महागठबंधन के पक्ष में माहौल बनने का दावा किया। उन्होंने कहा, “राहुल गांधी के दौरे के बाद से बिहार में बदलाव के स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं। महागठबंधन की सरकार बनना अब तय है।” सिंह ने भी VVPAT विवाद पर चुनाव आयोग से सवाल करते हुए कहा कि “सरायरंजन और महनार में VVPAT की पर्चियां कैसे मिलीं? यह चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता पर बड़ा सवाल खड़ा करता है।” उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “बिहार के चुनाव का अयोध्या के मंदिर या किसी मस्जिद से क्या लेना-देना? जनता अब असली मुद्दों पर वोट देगी, न कि धार्मिक बहसों पर।”






















