बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के प्रचार का शोर थमते ही राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। पटना एयरपोर्ट पर लौटने के बाद मीडिया से बातचीत में महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav Bihar Election 2025) ने दावा किया कि 6 नवंबर को हुए मतदान में उनकी पार्टी को स्पष्ट बढ़त मिल चुकी है, जबकि 11 नवंबर के वोटिंग के बाद परिणाम तय माना जा सकता है। उन्होंने कहा कि “14 तारीख को कलम और रोजगार की सरकार बनेगी, जनता बदलाव के मूड में है और इस बार बिहार बेरोजगारी के खिलाफ जनादेश देगा।”
तेजस्वी यादव ने आज कुल 16 जनसभाएं कीं और हर सभा में बेरोजगारी, महंगाई और भ्रष्टाचार को लेकर नीतीश सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि जनता अब “भाषण नहीं, परिणाम चाहती है।” तेजस्वी ने यह भी कहा कि सरकारी कर्मचारियों, जीविका दीदी, नर्स, शिक्षक और पुलिसकर्मी भी इस बार बदलाव के साथ हैं।
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मुकेश सहनी के साथ मतभेद की चर्चाओं पर उन्होंने स्पष्ट कहा कि “अरे छोड़िए इन सब बातों को, इंडिया गठबंधन पूरी मजबूती से एकजुट है। तेजस्वी यादव ने भाजपा पर भी निशाना साधते हुए कहा कि “क्या भाजपा के नेता मिल-जुलकर प्रचार करते हैं? हम लोग हर सीट पर अलग-अलग मेहनत कर रहे हैं और जनता इसका सम्मान करेगी।” उन्होंने कहा कि बिहार के लोग अब नारा नहीं, “नौकरी और नई सोच” की राजनीति चाहते हैं। मुकेश सहनी हमारे साथ हैं और जनता सब देख रही है कि 14 नवंबर को किसकी सरकार जा रही है और किसकी आ रही है।”
तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग (ECI) पर भी गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि प्रथम चरण के मतदान पर कहा, “…हर जाति और वर्ग के लोग महागठबंधन के पक्ष में मतदान कर रहे हैं… सभी लोगों का रुझान महागठबंधन के पक्ष में है… पहले चरण के मतदान को तीन दिन बीत जाने के बाद भी चुनाव आयोग ने यह नहीं बताया कि महिलाओं व पुरुषों का कितना मतदान प्रतिशत रहा। ये आंकड़ें क्यों छिपाए जा रहे हैं?… तीन दिन बाद भी आप वोट का प्रतिशत नहीं बता रहे हैं… चुनाव आयोग को इसका जवाब देना पड़ेगा।”उन्होंने समस्तीपुर में VVPAT पर्चियों की गड़बड़ी और कई मतदान केंद्रों पर बंद पड़े CCTV कैमरों का भी मुद्दा उठाया। तेजस्वी ने कहा कि “जब पारदर्शिता की बात होती है तो ऐसे मामलों में जवाबदेही भी होनी चाहिए।”






















