बिहार चुनावों के बीच नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्र और राज्य सरकार पर करारा हमला बोला। उनके साथ राज्यसभा सांसद मीसा भारती, अब्दुल बारी सिद्दीकी और मनोज झा मौजूद रहे। तेजस्वी ने कहा कि बीते 20 वर्षों में बिहार ने जितनी गरीबी और पलायन देखा है, उतना कभी नहीं हुआ। एनडीए सरकार ने केवल वादे किए, लेकिन आम जनता को कुछ नहीं दिया।
तेजस्वी यादव ने कहा कि उनकी पार्टी ने अब तक 171 चुनावी सभाएं की हैं और हर इलाके में पहुंचने की कोशिश की है। उन्होंने दावा किया कि बिहार की जनता अब बदलाव के मूड में है। लोग “नौकरी और कलम वाली सरकार” चाहते हैं, जो विकास को गति दे। उनका कहना है कि बिहार आज भी सभी डेवलपमेंट इंडेक्स में निचले पायदान पर है, लेकिन अगर उनकी सरकार बनी तो “बिहार की गति” दुगनी होगी।
उन्होंने चुनाव आयोग पर भी गंभीर सवाल खड़े किए। तेजस्वी ने कहा कि 6 नवंबर तक चुनाव आयोग यह आंकड़ा जारी नहीं कर पाया कि कितने पुरुष और महिलाओं ने मतदान किया है, जबकि आज टेक्नोलॉजी के युग में पारदर्शिता सबसे जरूरी है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री आवास से अधिकारियों को फोन जा रहे हैं, और यह चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश है।
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तेजस्वी ने कहा, “भाजपा चुनाव आयोग को ढाल बनाकर जनता की आवाज दबा रही है। चुनाव आयोग को बताना चाहिए कि मतदान के वास्तविक आंकड़े कहां हैं?” उन्होंने कहा कि कई स्ट्रांग रूम्स में CCTV कैमरे बंद हो चुके हैं, जिससे निष्पक्षता पर सवाल उठता है। तेजस्वी ने यह भी खुलासा किया कि भाजपा शासित राज्यों से 208 पुलिस कंपनियां बिहार भेजी गई हैं, जिनमें असम, छत्तीसगढ़, मेघालय और बंगाल जैसे राज्यों के अधिकारी शामिल हैं। उनके अनुसार, 243 विधानसभा सीटों में से 68 प्रतिशत ऑब्जर्वर बीजेपी शासित राज्यों से हैं, जो लोकतंत्र के लिए चिंताजनक है।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि “प्रधानमंत्री ने कभी बिहार के विकास का रोडमैप नहीं बताया, वो केवल नकारात्मक बातें करते हैं। प्रधानमंत्री आखिर कौन-सी वेब सीरीज दिखा रहे हैं, जिसमें बिहार की असलियत नहीं दिखाई देती?” तेजस्वी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री दुर्दांत अपराधियों के साथ मंच साझा करते हैं, और सृजन घोटाले के आरोपियों की पीठ थपथपाते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा चुनाव को धनबल और छल-कपट से प्रभावित कर रही है।
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव कहते हैं, “पीएम ने इतनी सारी सभाएं कीं, कम से कम उन्हें हमें एक रोडमैप तो देना चाहिए कि अगले पांच सालों में बिहार को कैसे आगे ले जाएंगे… अब वो तरह-तरह के गाने गा रहे हैं… कौन सी वेब सीरीज देख रहे हैं? प्रधानमंत्री को इतनी फुर्सत है… तेजस्वी यहां नौकरियां बांटते हैं। प्रधानमंत्री को सम्राट चौधरी, दिलीप जायसवाल, मंगल पांडे का भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी नहीं दिखी… क्या प्रधानमंत्री ने इन लोगों से कोई सवाल पूछा?… इन लोगों से कोई सवाल नहीं करता… पीएम ने बिहार के कुख्यात अपराधियों के साथ मंच साझा किया। क्या प्रधानमंत्री उल्लास पांडे, मनोरमा देवी, आनंद मोहन, सुनील पांडे, राजवल्लभ और अनंत सिंह को संत मानते हैं… पीएम ने तो सृजन घोटाले के मुख्य आरोपी विपिन शर्मा के लिए स्पेशल पास भी जारी किया और उसे एयरपोर्ट बुलाकर उसकी पीठ थपथपाई… क्या अनंत सिंह, उल्लास पांडे, राजवल्लभ, मनोरमा देवी, आनंद मोहन और सुनील पांडे बहुत अच्छे लोग हैं?… बीजेपी में शामिल हो जाओगे तो तुम्हारे पाप धुल जाएंगे। गंगा में नहाने की कोई गारंटी नहीं है कि तुम्हारे पाप धुलेंगे या नहीं नहीं… वे जो भी करें, इस बात की गारंटी है कि उनके पाप धुल जायेंगे…”
तेजस्वी ने अपने वादों को दोहराते हुए कहा कि अगर उनकी सरकार बनती है तो ‘OPS (Old Pension Scheme)’ फिर से लागू किया जाएगा, किसानों को कृषि कार्य के लिए मुफ्त बिजली दी जाएगी, और जिस परिवार के पास सरकारी नौकरी नहीं है, उसे नौकरी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि 14 जनवरी से माई बहिनी योजना के तहत 30 हजार रुपए की सहायता राशि देना शुरू किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार बनते ही 26 नवंबर से 26 जनवरी तक अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी, और “लॉ एंड ऑर्डर के मामले में कोई समझौता नहीं होगा। क्राइम, करप्शन और कम्युनलिज्म पर जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जाएगी।”






















