Bihar Chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के मतदान से ठीक पहले पूर्वी चंपारण का सियासी माहौल गर्मा गया है। एक ओर जहां प्रत्याशी मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए प्रचार में जुटे हैं, वहीं दूसरी ओर पैसे बांटने के आरोपों ने चुनावी नैतिकता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। मोतिहारी जिले में राजद और भाजपा दोनों दलों के प्रत्याशियों पर मतदाताओं को लुभाने के लिए रुपये बांटने का गंभीर आरोप लगा है। इस मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।
सूत्रों के अनुसार, सोमवार को जिले के छतौनी और नगर थाना क्षेत्रों में फ्लाइंग स्क्वाड और एसटीएफ की संयुक्त टीम ने छापेमारी की। इस कार्रवाई में करीब 6.11 लाख रुपये नकद बरामद किए गए। साथ ही, 2025 की मतदाता सूची भी जब्त की गई है, जो चुनावी नियमों के उल्लंघन की ओर इशारा करती है।
छापेमारी के दौरान छोटा बरियारपुर निवासी पार्षद पति हरि सिंह के घर से 2,97,000 रुपये और मतदाता सूची मिली। वहीं, नगर थाना के नकछेद टोला स्थित सबा खान के घर से तीन लाख रुपये बरामद किए गए। पुलिस ने हरि सिंह, मो. कलीमुल्लाह अंसारी, लक्ष्मी प्रसाद, प्रमोद कुमार और सबा खान को गिरफ्तार कर लिया है। अधिकारियों ने बताया कि मामले की गहन जांच जारी है और यह पता लगाया जा रहा है कि इतनी बड़ी रकम चुनावी वितरण के लिए लाई गई थी या नहीं।
एसपी स्वर्ण प्रभात ने पुष्टि की है कि दोनों मामलों में एफआईआर दर्ज की गई है और जांच में कई अहम खुलासे की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों के तहत कार्रवाई कर रहा है ताकि निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित हो सके।
इस बीच, हरसिद्धि विधानसभा क्षेत्र से महागठबंधन (राजद) प्रत्याशी राजेन्द्र कुमार राम का एक कथित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है जिसमें वे कथित तौर पर मतदाताओं को पैसे बांटते नजर आ रहे हैं। वायरल वीडियो के आधार पर हरसिद्धि थानाध्यक्ष सर्वेंद्र कुमार सिन्हा ने उनके खिलाफ केस दर्ज किया है।
वहीं, पताही इलाके में चिरैया विधानसभा सीट के भाजपा प्रत्याशी लालबाबू प्रसाद गुप्ता पर भी इसी तरह के आरोप लगे हैं। उनका एक कथित वीडियो वायरल हुआ जिसमें वे मतदाताओं को पैसे देते नजर आ रहे हैं। हालांकि लाइव हिन्दुस्तान इस वीडियो की स्वतंत्र पुष्टि नहीं करता। डीएम सौरव जोड़वाल ने बताया कि इस मामले में भी केस दर्ज कर जांच शुरू की गई है।
बिहार चुनाव के इस चरण में 20 जिलों की 122 सीटों पर वोटिंग हो रही है। ऐसे में मतदान से पहले रुपये बांटने के आरोपों ने सियासी हलचल तेज कर दी है। विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों के प्रत्याशियों पर लगे आरोपों ने चुनावी पारदर्शिता और आचार संहिता के पालन पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
अब देखना यह होगा कि इन मामलों में जांच का नतीजा क्या निकलता है और क्या चुनाव आयोग ऐसे मामलों में सख्त उदाहरण पेश कर पाएगा या यह मामला भी बाकी चुनावी विवादों की तरह फाइलों में सिमट जाएगा।






















