बिहार विधानसभा चुनाव में चौंकाने वाली हार के तीन दिन बाद आज तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav Review Meeting) ने पार्टी के शीर्ष नेताओं और विधायकों के साथ विस्तृत समीक्षा बैठक बुलाई, जिसमें चुनाव परिणामों को लेकर कई गंभीर सवाल उठाए गए। बैठक तेजस्वी यादव के एक पोलो रोड स्थित सरकारी आवास पर हुई, जहां जीते और हारे दोनों प्रकार के उम्मीदवार पहुंचकर स्थिति की वास्तविक तस्वीर सामने रखने लगे। प्रदेश अध्यक्ष रह चुके जगदानंद सिंह, बाहुबली नेता सूरजभान सिंह सहित कई वरिष्ठ चेहरों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, जिससे बैठक का महत्व और बढ़ गया।

तेजस्वी आवास पहुंचने वाले विधायकों ने आरोपों की झड़ी लगा दी। मटिहानी से RJD विधायक बोगो सिंह ने यह दावा कर राजनीतिक हलकों में हलचल बढ़ा दी कि चुनाव के दौरान 10-10 हजार रुपये बांटे गए और जीविका दीदियों के वोट खरीदे गए। उनके अनुसार एनडीए की जमीन पूरी तरह खिसक चुकी थी, इसलिए इस तरह के हथकंडे अपनाए गए। वहीं विधायक आलोक मेहता ने कहा कि चुनाव में ‘स्पष्ट गड़बड़ी’ हुई है और इसीलिए ऐसा परिणाम सामने आया, जिसकी कल्पना तक नहीं की जा सकती थी।
नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में कौन-कौन? आ गई संभावित लिस्ट..
पूर्व विधायक अख्तरुल इस्लाम साहिन ने चुनाव आयोग पर सीधा सवाल उठाते हुए कहा कि वोटिंग से पहले करोड़ों लोगों के खातों में दस-दस हजार रुपये भेजे गए। उनका आरोप है कि जनता से यह तक कहा गया कि सरकार बना दीजिए, तो दो लाख रुपये और दिए जाएंगे। उन्होंने पूरे प्रक्रिया को “लोकतंत्र का गला दबाने की संगठित कोशिश” बताया। उनका ये भी कहना था कि मतदान से ठीक पहले हजारों लोग बाहरी राज्यों से ट्रेन से बिहार पहुंचे, जिससे नए सवाल खड़े हो गए कि उन्हें छुट्टी और पैसा किसने दिया और वे किसके पक्ष में मतदान कर गए।
बैठक में तेजस्वी यादव ने सभी हारने वाले प्रत्याशियों से व्यक्तिगत फीडबैक लेने का निर्णय किया है। पार्टी के अंदर मौजूद सूत्रों का मानना है कि तेजस्वी इस बात को समझना चाहते हैं कि असली गलती कहां हुई—क्या संगठनात्मक स्तर पर कमजोरी थी, क्या बूथ मैनेजमेंट कमजोर रहा, या फिर चुनावी मुद्दों को जनता तक पहुंचाने में पार्टी रणनीति पिछड़ गई। टिकट वितरण भी इस समीक्षा का प्रमुख हिस्सा होगा क्योंकि कई क्षेत्रों में उम्मीदवार चयन पर पार्टी कार्यकर्ताओं की नाराजगी की चर्चाएं पहले से मौजूद थीं।






















