असम के तिनसुकिया जिले में काम करने गए बिहार के सारण जिले के इसुआपुर प्रखंड के रामपुर अटौली गांव के नोनिया टोली के मजदूरों के साथ हुए कथित अत्याचार ने पूरे इलाके को झकझोर दिया है। गांव के मनिका महतो की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत और पांच अन्य मजदूरों के बंधक बनाए जाने के आरोप ने स्थानीय प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मृतक मनिका महतो का शव जब गांव पहुंचा तो परिजनों का गुस्सा और आक्रोश फूट पड़ा। परिवार ने ईंट भट्ठा चिमनी मालिक पर सीधी हत्या का आरोप लगाते हुए कहा कि उनके साथ काम करने गए पांच मजदूरों को अब तक बंधक बनाकर रखा गया है।
जानकारी के अनुसार, मनिका महतो अपने पांच बच्चों के भविष्य के लिए मजदूरी करने असम गए थे। लेकिन परिवार को उम्मीद नहीं थी कि उनकी जिंदगी इस तरह खत्म हो जाएगी। परिजनों का आरोप है कि मनिका और अन्य मजदूरों के साथ अमानवीय व्यवहार किया जा रहा था। इसी दौरान किसी बात को लेकर विवाद इतना बढ़ गया कि उनकी अचानक जान चली गई। इसी बीच गांव के अन्य मजदूर छोटेलाल महतो, जगजीवन महतो, विनोद महतो, दारा कुमार और सूरज महतो को भी जबरन रोके जाने और बंधक बनाकर रखने का आरोप सामने आया है।
ग्रामीणों ने बताया कि सभी मजदूर तिनसुकिया के एक चिमनी में पिछले कुछ महीनों से काम कर रहे थे। लेकिन मजदूरी भुगतान, काम के घंटे और रहने की स्थिति को लेकर कई बार मजदूरों की शिकायतें सामने आई थीं। परिवार का कहना है कि चिमनी मालिक मजदूरों पर दबाव बनाता था और घर लौटने की अनुमति भी नहीं देता था। जिस तरह मनिका महतो की मौत हुई और फिर उसके बाद बाकी मजदूरों के बंधक बनाए जाने की खबर आई, उससे गांव में भारी तनाव है।
मृतक के परिजनों ने यह भी कहा कि उन्हें मनिका की मौत का सही कारण भी स्पष्ट नहीं बताया गया। गांव के लोग लगातार प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि तिनसुकिया में बंधक बनाए गए मजदूरों को सुरक्षित वापस लाया जाए।
















