बिहार में सुशासन (Bihar Law and Order) को और सख़्त बनाने की दिशा में नई सरकार ने अपने इरादे स्पष्ट कर दिए हैं। सरदार पटेल भवन में पदभार संभालने के तुरंत बाद गृह मंत्री सम्राट चौधरी ने राज्य के शीर्ष पुलिस अधिकारियों के साथ अहम समीक्षा बैठक की, जिसमें डीजीपी विनय कुमार सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। यह बैठक कानून व्यवस्था के मोर्चे पर सरकार की प्राथमिकताओं का संकेत देती है, जो आने वाले समय में बिहार की सुरक्षा संरचना का स्वरूप बदल सकती है।
बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में सम्राट चौधरी का तेवर साफ दिखा। उन्होंने कहा कि बिहार में स्थापित सुशासन को और मजबूत किया जाएगा और इसे किसी भी कीमत पर कमजोर नहीं होने दिया जाएगा। उनका कहना था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बनी सुशासन की छवि को नई ऊर्जा और कड़े एक्शन के साथ आगे बढ़ाया जाएगा, ताकि जनता को अपराध-मुक्त वातावरण मिल सके।
गृह मंत्री ने स्पष्ट किया कि राज्य में माफिया राज की अब कोई संभावना नहीं है। उन्होंने चेतावनी भरे अंदाज में कहा कि जो भी माफिया गतिविधियों में शामिल है, उसे या तो बिहार छोड़ना पड़ेगा या फिर कड़े कानूनों का सामना करना होगा। सरकार का एक ही एजेंडा है—अपराध और संगठित अपराध को पूरी तरह समाप्त करना, चाहे इसके लिए पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई ही क्यों न करनी पड़े।
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स्कूल और कॉलेजों के आसपास बढ़ते उत्पीड़न के मामलों पर भी उन्होंने गंभीर रुख अपनाया। सम्राट चौधरी ने स्पष्ट निर्देश दिया कि किसी भी शिक्षण संस्थान के बाहर ‘रोमियो गैंग’ जैसे तत्वों की गतिविधियाँ बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। छुट्टी के समय और उससे पहले विशेष पुलिस व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने कहा कि अगर छेड़खानी की कोई घटना सामने आती है, तो आरोपियों के साथ-साथ लापरवाही बरतने वाले पुलिस अधिकारी भी कार्रवाई से नहीं बचेंगे।
साइबर फ्रॉड जैसे तेजी से बढ़ते अपराधों पर भी गृह मंत्री ने गहरी चिंता जताई। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को विशेष अभियान चलाकर साइबर अपराधियों को चिन्हित करने और उनके नेटवर्क को पूरी तरह ध्वस्त करने के निर्देश दिए। उनकी घोषणा से संकेत मिलता है कि राज्य में जल्द ही बड़े स्तर पर डिजिटल अपराध सफाई अभियान चलाया जाएगा, जिसमें कठोर धाराएं लागू होंगी।
जेलों में मोबाइल फोन जैसी प्रतिबंधित चीजें पहुँचने के मामलों को लेकर भी सम्राट चौधरी ने कड़ा रुख दिखाया। उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह अस्वीकार्य है कि जेलों के अंदर मोबाइल या बाहरी भोजन पहुँच रहा है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जेलों में मोबाइल या खाना पाए जाने की घटना दोबारा सामने आती है तो संबंधित जेल अधिकारियों पर तत्काल कार्रवाई होगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि डॉक्टर की अनुमति के बिना जेल में भोजन नहीं जाने दिया जाएगा और नियमों का उल्लंघन होने पर किसी को नहीं छोड़ा जाएगा।






















