चुनाव आयोग ने देश में मतदाता सूची तैयार करने की रीढ़ माने जाने वाले बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLO Salary Hike) की आर्थिक स्थिति में महत्वपूर्ण बढ़ोतरी करते हुए उनका वार्षिक मानदेय 6000 रुपये से बढ़ाकर 12000 रुपये कर दिया है। यह बदलाव उस ग्राउंड लेवल वर्कफोर्स के लिए राहत का कदम माना जा रहा है, जो हर चुनाव से पहले वोटर लिस्ट अपडेट करने से लेकर बूथ स्तर पर सूचनाओं की पुष्टि तक सबसे अहम जिम्मेदारी निभाते हैं। आयोग के मुताबिक 2015 के बाद यह पहला मौका है जब BLO के मानदेय में इतना बड़ा संशोधन किया गया है।

इसी के साथ BLO का पर्यवेक्षण करने वाले BLO सुपरवाइजर को भी अब पहले के 12000 रुपये की जगह 18000 रुपये सालाना दिए जाएंगे। सबसे उल्लेखनीय बात यह है कि EROs (इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर) और AEROs (असिस्टेंट इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर) को पहली बार मानदेय देने का निर्णय लिया गया है, जिससे चुनावी ढांचे में जिम्मेदारियों के अनुपात में आर्थिक प्रोत्साहन को संतुलित करने की कोशिश दिखाई देती है।
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रिपोर्ट्स बताती हैं कि देश के 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में जारी स्पेशल इंटेंसिव रिविजन (SIR) के दौरान कुल 5.32 लाख BLO फील्ड पर काम कर रहे हैं। हर BLO के पास औसतन 956 वोटर्स की सूची को अपडेट करने का काम है। यह संख्या बताती है कि ग्राउंड लेवल पर चुनावी व्यवस्था कितने बड़े पैमाने पर लगातार सक्रिय रहती है।

इसके अलावा चुनाव आयोग ने जारी आदेश में SIR प्रक्रिया की समय-सीमा को भी 7 दिनों के लिए बढ़ा दिया है। नए शेड्यूल के अनुसार एन्यूमरेशन, बूथों के पुनर्गठन, ड्राफ्ट रोल की प्रकाशन तिथि और क्लेम-ऑब्जेक्शन की प्रक्रिया अब संशोधित डेट्स के अनुसार पूरी की जाएगी। पूर्व आदेश को निरस्त करते हुए आयोग ने स्पष्ट किया है कि वोटर लिस्टों की अधिकतम सटीकता सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त समय जरूरी था।





















