बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब देते हुए हालिया विधानसभा चुनाव में जनता द्वारा दिए गए जनादेश को एक ऐतिहासिक और सकारात्मक संदेश करार दिया। उन्होंने कहा कि यह जीत केवल किसी राजनीतिक गठबंधन की नहीं, बल्कि यह बिहार के सामाजिक सौहार्द, विकास और स्थिरता के प्रति जनता के विश्वास की जीत है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि आज बिहार एक ऐसे दौर से गुजर रहा है जहाँ तनाव, विभाजन और टकराव की गुंजाइश बेहद कम रह गई है और राज्य में शांति व सद्भाव का माहौल और भी मजबूत हुआ है।
नीतीश कुमार ने सदन में कहा कि शिक्षा को प्राथमिकता देने की नीति ने बिहार में बदलाव की नींव रखी है। सरकार ने न केवल नए स्कूलों की स्थापना कर शिक्षा के आधारभूत ढाँचे को मजबूत किया, बल्कि शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया को व्यवस्थित और पारदर्शी बनाया। नियोजित शिक्षकों की बहाली से शुरू हुई यह यात्रा बीपीएससी द्वारा नियमित शिक्षकों की भर्ती के साथ उस मुकाम पर पहुंची, जहाँ आज सरकारी शिक्षकों की संख्या बढ़कर 5.20 लाख हो चुकी है। यह आंकड़ा न केवल राज्य के शिक्षा सुधार की व्यापकता को दर्शाता है बल्कि यह भी बताता है कि सरकार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को लेकर कितनी गंभीर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा वह आधार है जिस पर एक उन्नत और समृद्ध बिहार का निर्माण हो सकता है।
स्वास्थ्य सेवाओं पर बोलते हुए नीतीश कुमार ने स्वीकार किया कि एक समय बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था बेहद बिखरी हुई थी, जहाँ आम लोगों को इलाज के लिए बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। उन्होंने कहा कि सरकार ने अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित करने के लिए बड़े पैमाने पर सुधार और निवेश किए। डॉक्टरों और नर्सों की नियुक्ति में वृद्धि, नई स्वास्थ्य इकाइयों का निर्माण और पुराने अस्पतालों का उन्नयन सरकार की योजना का हिस्सा रहा। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि इन प्रयासों का असर आज स्पष्ट दिखाई देता है जब राज्य की स्वास्थ्य सेवाएँ पहले की तुलना में कहीं अधिक व्यवस्थित और सक्षम हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास की असली परिभाषा केवल सड़कों और इमारतों तक सीमित नहीं है, बल्कि शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे बुनियादी क्षेत्रों में सुधार ही वास्तविक प्रगति की पहचान है। उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार की प्राथमिकता एक ऐसे बिहार का निर्माण करना है जो शिक्षित हो, स्वस्थ हो और आर्थिक रूप से सशक्त हो। युवाओं, किसानों, महिलाओं और समाज के कमजोर वर्गों के लिए चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं को इसी दृष्टि से लागू किया गया है ताकि हर नागरिक विकास की मुख्यधारा से जुड़ सके।
राज्यपाल के अभिभाषण पर समर्थन व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अभिभाषण में राज्य की वास्तविक उपलब्धियों और सरकारी पहलों का सटीक प्रतिबिंब है। उन्होंने कहा कि सरकार पारदर्शिता और ईमानदारी के साथ विकास की प्रक्रिया को आगे बढ़ा रही है। उन्होंने सदन के सभी सदस्यों और जनता से अपील की कि वे इस विकास यात्रा में सरकार का सहयोग करें ताकि बिहार एक नए मॉडल के रूप में उभर सके।






















