बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किए जाने के बाद अब राजनीतिक गतिविधियां और तेज हो गई हैं। नई सरकार के गठन की प्रक्रिया पूरी होने के साथ ही एनडीए अब संगठनात्मक मजबूती की दिशा में एक बड़ा कदम उठा रहा है। इसी कड़ी में जनता दल यूनाइटेड ने शनिवार को पटना स्थित जदयू मुख्यालय में भव्य सम्मान समारोह (JDU Samman Samaroh Patna) आयोजित किया है, जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार स्वयं शामिल होकर चुनाव में उल्लेखनीय योगदान देने वाले जमीनी कार्यकर्ताओं का सम्मान करेंगे। यह कार्यक्रम सुबह 11 बजे से शुरू होने वाला है।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में एनडीए ने इतिहास रचते हुए बहुमत से बड़ा जनादेश हासिल किया। बीजेपी ने 89, जदयू ने 85 और लोजपा(आर) ने 29 में से 19 सीटें जीतकर शानदार प्रदर्शन किया। एनडीए की यह जीत न सिर्फ राजनीतिक समीकरणों का परिणाम मानी जा रही है, बल्कि बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं की अथक मेहनत को भी इसका बड़ा आधार बताया जा रहा है। इसलिए गठबंधन में शामिल दल अपने-अपने कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने और संगठन को और मजबूत करने पर जोर दे रहे हैं।
सम्राट चौधरी का सख्त संदेश.. अपराध, माफिया और मनचलों पर बिहार में अब चलेगी ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति
जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे। जदयू मानती है कि 2020 के विधानसभा चुनाव में मात्र 43 सीटों पर सिमटने के बाद संगठन ने रणनीति, प्रयास और नीतिगत प्रचार के माध्यम से स्थिति को पूरी तरह बदल दिया। 2025 में 85 सीटों तक पहुंचना इस परिवर्तन का प्रमाण है। पार्टी का कहना है कि कार्यकर्ताओं ने गांव–गांव जाकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विकास मॉडल, सुशासन और योजनाओं की जानकारी लोगों तक पहुंचाई, जिसके कारण जनता ने एक बार फिर भरोसा जताया।
29 नवंबर को बीजेपी ने पटना के अटल सभागार में अपने बीएलओ–1 को सम्मानित किया था। उसके बाद अब जदयू का यह समारोह संगठन विस्तार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, दसवीं बार मुख्यमंत्री बन चुके नीतीश कुमार का यह कार्यक्रम आने वाले समय में राजनीतिक संदेशों और चुनावी तैयारियों का संकेत भी है। एनडीए की जीत के बाद यह पहला बड़ा समारोह है, जिसे पार्टी शक्ति प्रदर्शन और कार्यकर्ताओं के साथ संवाद का अवसर भी मान रही है। माना जा रहा है कि समारोह में आगामी रणनीति पर भी संकेत मिल सकते हैं, क्योंकि एनडीए अब 2029 के लोकसभा चुनावों की दिशा में भी अपनी तैयारियां तेज कर चुका है।






















