प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल की राजनीति में तीखा हस्तक्षेप करते हुए तृणमूल कांग्रेस और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (PM Modi on Mamata Banerjee) पर सीधे हमले किए हैं। उनके बयान न केवल बंगाल की मौजूदा राजनीति को लेकर थे, बल्कि 2026 के विधानसभा चुनावों की दिशा भी साफ़ करते दिखे। प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी सरकार उन घुसपैठियों को संरक्षण दे रही है जो पश्चिम बंगाल की सामाजिक और राजनीतिक संरचना पर कब्ज़ा करने की कोशिश कर रहे हैं। उनका कहना था कि तृणमूल कांग्रेस SIR का विरोध इसलिए कर रही है क्योंकि वह अवैध घुसपैठियों को बचाना चाहती है।
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी स्पष्ट किया कि तृणमूल कांग्रेस यदि भाजपा का विरोध करना चाहती है तो खुलकर करे, लेकिन इसका खामियाजा पश्चिम बंगाल की जनता को नहीं भुगतना चाहिए। उन्होंने कहा कि राजनीतिक विरोध लोकतंत्र का हिस्सा है, लेकिन विकास को रोकना और आम लोगों के अधिकारों से समझौता करना एक गंभीर अपराध है। मोदी ने भावनात्मक अंदाज़ में बंगाल के नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि वे भाजपा को एक मौका दें ताकि राज्य विकास की मुख्यधारा से जुड़ सके।
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अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने बिहार का उदाहरण सामने रखते हुए राष्ट्रीय राजनीति का संदर्भ भी जोड़ा। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता ने एक बार फिर एनडीए सरकार को भारी बहुमत देकर यह साबित कर दिया है कि देश तेज़ विकास चाहता है। उनके अनुसार, बिहार ने ‘जंगल राज’ को सिरे से खारिज किया और 20 साल बाद भी भाजपा-एनडीए को पहले से अधिक मज़बूत जनादेश दिया। मोदी ने दावा किया कि बिहार का यह फैसला पश्चिम बंगाल की राजनीति के लिए भी संकेत है और इससे भाजपा की जीत का रास्ता साफ़ होता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल में मौजूदा हालात को ‘महा जंगल राज’ करार देते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि राज्य को अराजकता, भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण की राजनीति से मुक्त किया जाए। उनका यह बयान सीधे तौर पर ममता बनर्जी सरकार की कानून-व्यवस्था, घुसपैठ और विकास नीतियों पर सवाल खड़े करता है।






















